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04 July 2019

आर्थिक सर्वेक्षण पर बोले चिदंबरम- सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर है निराशावादी

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि संसद में पेश बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण में कोई भी क्षेत्रवार विकास अनुमान (सेक्टर-वाइज ग्रोथ प्रोजेक्शन) नहीं हैं और सरकार खुद अर्थव्यवस्था को लेकर निराशावादी नजर आ रही है।

एक बयान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के निष्कर्ष न तो सकारात्मक है और न ही उत्साहजनक। उन्होंने कहा, "यह मुझे प्रतीत होता है कि सरकार आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से बोल रही है कि वह अर्थव्यवस्था के बारे में निराशावादी है।"

उन्होंने कहा, "मैंने 2019-20 के लिए आउटलुक को देखा। यह वॉल्यूम -2, अध्याय 01 में है, लेकिन इसमें केवल एक कथन है कि 2019-20 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। कोई सेक्टर के हिसाब से ग्रोथ प्रोजेक्शन (विकास अनुमान) नहीं हैं।"

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कांग्रेस नेता ने कहा कि 2019-20 के लिए आउटलुक का वर्णन करने के मामले में सबसे निकटतम वॉल्यूम -2, अध्याय 02 में पाया जा सकता है।

इनमें से कोई भी सकारात्मक या उत्साहजनक नहीं है

उन्होंने कहा, "आर्थिक सर्वेक्षण के फ्लैग्स (1) धीमी ग्रोथ, (2) राजस्व में कमी, (3) राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से समझौता किए बिना संसाधनों की खोज, (4) चालू खाते पर तेल की कीमतों का प्रभाव और (5) केंद्र सरकार के वित्त पर पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशें। मुझे डर है, इनमें से कोई भी सकारात्मक या उत्साहजनक नहीं है। "

गियर को शिफ्ट करने की आवश्यकता

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि  जो इस साल पांच साल के निचले स्तर से 7 प्रतिशत तक पलट जाने की उम्मीद है, अब 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए उच्च विकास दर को तेज करने और बनाए रखने के लिए गियर को शिफ्ट करने की आवश्यकता है।

आज पेश हुआ 2018-19 का आर्थिक सर्वेक्षण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2018-19 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वेक्षण में मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 में 7.0 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया गया। निवेश और उपभोग में सुधार होने से ग्रोथ रेट सुधरेगी। उसके अनुसार बीते वित्त वर्ष 2018-19 मे आर्थिक विकास में आई गिरावट की प्रमुख वजह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में आया संकट है। बीते वर्ष फसलों के दाम में गिरावट रही और कृषि उत्पादन भी सुस्त रहने की संभावना है। उसके अनुसार निवेश की दर सबसे निचले स्तर से निकल चुकी है। सर्वे में मोदी सरकार के 2024 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर बनाने का रोडमैप भी पेश किया गया है। उसके अनुसार इस लक्ष्य को पाने के लिए जीडीपी ग्रोथ 8.0 फीसदी की दर से होना जरूरी है। इसी तरह राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 3.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।

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TAGS: Economic Survey, P Chidambaram, Modi govt, pessimistic about economy
OUTLOOK 04 July, 2019
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