Advertisement
11 April 2015

फ्रांसीसी उद्योगपतियों ने दिया भारत में स्पष्ट, पारदर्शी नियमों पर जोर

गूगल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के साथ शुक्रवार को यहां आयोजित भारतीय और फ्रांसीसी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की मुलाकात के दौरान इन समस्याओं का जिक्र किया गया। इस बैठक में फ्रांसीसी कंपनियों ने भारत में निवेश तथा मेक इन इंडिया कार्यक्रम में गहरी दिलचस्पी दिखाई।

सीईओ मंच के फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व कर रहे पॉल हर्मेलिन ने कहा भारत में जिस तरह कारोबार किया जाता है, उसमें समस्या है। लेकिन, यह सब मोदी के दौर के पहले था। हर्मेलिन ने इस बात पर बल दिया कि निवेश के लिए किसी भी कंपनी को नियमों में स्पष्टता और पारदर्शिता की जरूरत होती है। उसे स्थिर नियमों की आवश्यकता होती है।

कैपजेमिनी ग्रुप ऑफ फ्रांस के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी हर्मेलिन ने कहा कि विषमता विदेशी निवेशकों के लिए मुश्किल खड़ी करने वाला एक अन्य क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि वह भारत में नए सुधारों की कोई तमन्ना नहीं रखते, वह बस ऐसे दस प्रतीकात्मक कार्यक्रम चाहते हैं जिससे यह प्रदर्शित हो सके कि परियोजनाएं पूरी हो सकती हैं।

Advertisement

उन्होंने कहा कि एक नए संबंध की जरूरत है जहां अनुबंध का सम्मान हो और शानदार तरीके से अमल हो। सीईओ फोरम में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ध्रुव साहनी ने कहा कि भारत की नई सरकार को लेकर फ्रांसीसी कंपनियों में नया उत्साह है।

उन्होंने बताया कि बैठक में सीईओ फोरम ने रक्षा एवं एयरोस्पेस, हरित ऊर्जा एवं अपशिष्ट प्रबंधन, जैसे विशिष्ट मुद्दों पर पांच कार्यबल बनाने का फैसला किया गया। कार्य बल डेढ़ महीने में बन जाएंगे और कुछ ही महीने बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: फ्रांस, भारत, निवेश, नरेंद्र मोदी, फ्रांस्वा ओलोंद, सीईओ, फ्रांसीसी कंपनियां, पॉल हर्मेलिन, कैपजेमिनी ग्रुप ऑफ फ्रांस, ध्रुव साहनी, अर्थ जगत
OUTLOOK 11 April, 2015
Advertisement