अच्छे मॉनसून से फिरेंगे किसानों के दिन
भारतीय किसानों के लिए अनुकूल मॉनसून काफी मायने रखता है क्योंकि देश की लगभग 50 प्रतिशत खेतिहर जमीन वर्षाजल से ही सिंचाई पर निर्भर करती है। इसके अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 14 प्रतिशत है। पिछले वर्ष कमजोर मॉनसून के कारण देश की अर्थव्यवस्था को अच्छा-खासा नुकसान उठाना पड़ा था। लेकिन इस बार सरकार बदलने के साथ ही देश के किसानों के अच्छे दिन के संकेत मिल रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार रेपो दर में कटौती करके अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अच्छे मॉनसून के कारण रेपो दर में आगे भी कटौती संभव है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अल नीनो के आधार पर ही मॉनसून की भविष्यवाणी की जाती है और इस बार दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के लिए अल नीनाे की स्थिति अनुकूल नहीं है लेकिन भारत के मामले में अल नीनो विकसित होने की संभावना 50 प्रतिशत ज्यादा है। यही कारण है कि इस बार दक्षिण पश्चिमी मॉनसून सक्रिय रहेगा और भारत में मौसम के शुरुआती दौर से ही अच्छी बाैछारें देखने को मिल सकती हैं।