Advertisement
07 September 2015

विकास रैंकिंग में भारत निचले पायदान पर: विश्‍व आर्थिक मंच

प्रति व्यक्ति आय के लिहज से विभिन्न देशों के समूहों में अपनी तरह की पहली वैश्विक रैंकिंग में विश्व आर्थिक मंच यानी डब्ल्यूईएफ ने पाया कि ज्यादातर देश आय की असमानता घटाने के बड़े मौके खो रहे हैं और यही हाल भारत का भी है। पिछले दो साल में किए गए इस अध्ययन में एेसे विभिन्न तरीकों की पहचान करने की कोशिश की गई है जिससे नीति-निर्माता आर्थिक वृद्धि तथा समानता दोनों को साथ-साथ आगे बढ़ा सकते हैं। 

भारत को कम और मध्यम आय वाले 38 देशों में निचले स्थान पर रखा गया है। वित्तीय हस्तांतरण के मामले में भारत का प्रदर्शन काफी निराशाजनक है और भारत 38 देशों में 37वें स्थान पर है। कर संहिता के लिहाज से यह 32वें और सामाजिक सुरक्षा के मामले में यह 36वें स्थान पर है। विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि एक अन्य क्षेत्र जिसमें भारतीय नीति-निर्माताओं को सुधार को प्राथमिकता देने की जरूरत है, विशेष तौर पर लघु कारोबार से जुड़े परिसंपत्ति निर्माण और उद्यमशीलता के संबंध में जिसमें भारत 38 देशों में सबसे निचले पायदान पर है। 

कारेाबार और राजनीतिक आचार-नीति के लिहाज से भारत 12वें स्थान पर जबकि अर्थव्यवस्था में निवेश के उत्पादक उपयोग के लिहाज से 11वें स्थान पर है। मंच ने अपने पहले समावेशी वृद्धि तथा विकास रपट में विभिन्न देशों की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने की कोशिश के आकलन का नया ढांचा पेश किया है जिससे पूरे समाज का जीवन-स्तर उंचा होता है। कुल 112 देशों के आकलन वाली रपट में कहा गया है कि विश्व भर में राजनीतिक नेताओं के सामने आर्थिक वृद्धि की प्रक्रिया और लाभ में सामाजिक भागीदारी बढ़ाने से बड़ी नीतिगत चुनौती और कोई नहीं है।

Advertisement

सभी अर्थव्यवस्थाओं में स्विट्जरलैंड बुनियादी ढांचे और सेवाओं के लिहाज से शीर्ष पर है जबकि फिनलैंड शिक्षा एवं कौशल के लिहाज से। श्रम, रोजगार आदि के लिहाज से नाॅर्वे शीर्ष स्थान पर है।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: विश्‍व आर्थिक मंच, डब्‍ल्‍यूईएफ, समावेशी वृद्धि‍, विकास रैंकिंग, भारत
OUTLOOK 07 September, 2015
Advertisement