आगामी कुछ सालों में आठ फीसदी की विकास दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
पलायन की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि यह विकास में अहम मुद्दा है। पलायन को हमें नकारात्मता के साथ नहीं देखना चाहिए जबकि ग्रामीण विकास के लिए हमें स्थिरता की जरूरत है। आर्थिक विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर उन्होंने सकारात्मक नजरिया रखने पर बल दिया।
गौरतलब है कि 31 मई को देश के आर्थिक विकास से जुड़े आंकड़े सामने आए थे। आंकड़ों के मुताबिक, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की बढ़ोतरी दर 2016-17 में घटकर 7.1 फीसदी पर आ गई। आधार वर्ष 2011-12 के आधार पर नई श्रृंखला के हिसाब से 2015-16 में जीडीपी की बढ़ोतरी दर आठ फीसदी रही है। पुरानी श्रृंखला के हिसाब से यह 7.9 फीसदी रही थी। वहीं चिंता की बात यह है कि कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद बढ़ोतरी दर नीचे आई है। सरकार ने पांच सौ और एक हजार रुपये बड़े मूल्य के पहले से चल रहे नोटों को आठ नवंबर को बंद करने की घोषणा की थी। इस नोट बदलने के काम में 87 फीसदी नकद नोट चलन से बाहर हो गए थे।