अटकी परियोजनाओं के कारण भारतीय बैंकों पर दबाव : स्टेट बैंक
यह बात स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने न्यूयार्क में कही। उन्होंने कहा, भारत में बैंकिंग क्षेत्र पर फिलहाल कुछ दबाव है और ऐसा मुख्य तौर पर 2011-13 के बीच अटकी परियोजनाओं के कारण है। फिलहाल हम अपने स्तर पर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इन अटकी परियोजनाओं की दिक्कतें दूर की जायें। कुछ हद तक यह काम किया गया है और अभी काफी कुछ करना बाकी है।
भट्टाचार्य ने मंगलवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और इंडस एंटेप्रेन्योर्स ऑन इंडिया के सहयोग से भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, यह बड़ा मुद्दा है क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र को ही ज्यादा से ज्यादा पूंजी की जरूरत है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न माध्यमों पर काम कर रहे हैं कि बैंकिंग क्षेत्र मजबूत रहे। भट्टाचार्य ने अपनी यात्रा के दौरान शहर में निवेशकों और रेटिंग एजेंसियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि देश में वृहद्-आर्थिक मानक बेहद अच्छे हैं और राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्राण में है और इसमें रिजर्व बैंक द्वारा जनवरी 2017 के लिए तय पांच प्रतिशत या इससे कम होने के लक्ष्य के अनुरूप गिरावट का रुख जारी रहेगा। भट्टाचार्य ने कहा हम उस स्तर पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि ब्याज दर भी ऐतिहासिक उच्च स्तर से नीचे आ रहीं हैं और फिलहाल वे काफी कम हैं लेकिन भारी मात्रा में निवेश शुरू करने के लिहाज से हो सकता है ये कम नहीं हों।
भट्टाचार्य ने कहा कि भारत में इस्पात और बिजली दोनों की प्रति व्यक्ति खपत दुनिया में सबसे कम में से एक है। उन्होंने कहा, भारत में पहले ही खपत का अंतर काफी है, जैसे ही इन क्षेत्रों में मांग फिर से बढ़ेगी, उम्मीद है कि उससे उत्पादकता बढ़ेगी और फंसी परिसंपत्तियों में फिर से गतिविधि शुरू हो जायेगी। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि हम उसके काफी करीब पहुंच चुके है जहां अर्थव्यवस्था को लेकर वास्तविक चिंता है। सरकार इस मामले में सही तरह के बदलाव लाने की दिशा में बढ़ रही है। सरकार स्टार्ट-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अग्रणी कार्यक्रमों को उचित प्रोत्साहन देकर आगे बढ़ा रही है।
एजेंसी