आइएमएफ ने जताई भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भारत की विकास दर में गिरावट की आशंका जताई है। आइएमएफ के मुताबिक चालू कारोबारी वर्ष के दौरान विकास दर 6.7 प्रतिशत रह सकती है जबकि इससे पहले 7.2 प्रतिशत का अनुमान था। हालांकि आइएमएफ ने आने वाले कारोबारी वर्ष में विकास में सुधार होने की बात भी कही है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) में आर्थिक सलाहकार और अनुसंधान विभाग के निदेशक मॉरिस ऑब्स्टफ़ेल्ड ने अपने प्रमुख विश्व आर्थिक रिपोर्ट के जारी होने के बाद जहां विकास दर में गिरावट की बात कही, वहीं आने वाले समय के लिए आश्वस्त भी किया। उन्होंने कहा, "सामान्य तौर पर, भारत की अर्थव्यवस्था काफी अच्छी है। सरकार ने जीएसटी सहित संरचनात्मक सुधारों पर मजबूती से काम किया है, जिसका दीर्घकालिक परिणाम होगा।"
विश्व अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट में आइएमएफ ने कहा कि भारत में विकास की गति धीमी हुई। ये नोटबंदी और कारोबारी साल के बीच में देशव्यापी स्तर पर जीएसटी लागू करने के प्रभाव को दर्शाता है।
रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी समेत अमल में लाए जा रहे कई मूलभूत सुधारों की वजह से विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। इन सबके कारण मध्यावधि में भारत की विकास दर आठ फीसदी के पार जा सकती है।
गौरतलब है कि 1999 से 2008 के बीच भारत की औसत विकास दर 6.9 प्रतिशत रही जबकि आगे के तीन सालों के दौरान ये दर 8.5 फीसदी से बढ़कर 10.3 फीसदी और फिर 6.6 फीसदी हो गई। अब आइएमएफ का अनुमान है कि 2022 तक भारत विकास दर 8.2 फीसदी पर पहुंच सकती है।