Advertisement
08 September 2015

भारत की वृद्धि दर 2015 में सात प्रतिशत रहेगी: मूडीज

मूडीज ने वैश्विक वृद्धि में नरमी का हवाला देते हुए एशिया प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र के कई देशों के लिए वृद्धि का अनुमान कम कर दिया है। चीन में मांग अधिक कमजोर होने से वैश्विक नरमी और गहराई है। रेटिंग एजेंसी ने कहा हमने 2015 के लिए भारत के लिए भी अपना अनुमान 7.5 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत और 2016 के लिए 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है क्योंकि संकेतकों से जाहिर है कि औद्योगिक उत्पादन में सुधार तथा निवेश की वृद्धि धीमी है और बैंक ऋण की वृद्धि दर अब भी कम है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जून की तिमाही में सात प्रतिशत रही। सरकार को उम्मीद है कि मार्च 2016 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8-8.5 प्रतिशत रहेगी। एजेंसी ने कहा कि इस क्षेत्र की कई अर्थव्यवस्थाओं को कच्चे तेल में नरमी के कारण अपना चालू खाते का घाटा कम करने में मदद मिली है। मूडीज ने कहा कि भारत का चालू खाते का घाटा काफी कम हुआ है और यह 2014 में घटकर 1.4 प्रतिशत रह गया जो 2012 में 4.8 प्रतिशत था। एजेंसी ने कहा हमें यह रुझान बरकरार रहने की उम्मीद है और कच्चे तेल के आयात की लागत कम होने से इसमें मदद मिलेगी।

किसी अवधि विशेष में विदेशी मुद्रा की प्राप्ति और खर्च के बीच का अंतर चालू खाते का घाटा कहलाता है। कच्चे तेल की कीमत पिछले एक साल में करीब 60 प्रतिशत घटकर करीब 45-46 डालर प्रति बैरल पर आ गई है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Industrial Production, CAD, Economy, Moodies, चालू खाता, रेटिंग एजेंसी, कच्चा तेल
OUTLOOK 08 September, 2015
Advertisement