Advertisement
08 November 2019

मूडीज ने दिया भारत को झटका, अर्थव्यवस्था के आउटलुक को स्टेबल से घटाकर नेगेटिव किया

File Photo

आर्थ‍िक सुस्ती का सामना कर रहे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नकारात्मक खबर सामने आई है। देश की बड़ी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारतीय अर्थव्यस्था के अपने आउटलुक यानी नजरिए को ‘स्टेबल’ (स्थिर) से घटाकर नेगेटिव कर दिया है। इसके पहले अक्टूबर में ही मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया था। पहले मूडीज ने जीडीपी में 6.2 फीसदी की ग्रोथ होने का अनुमान जारी किया था।

मूडीज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पहले के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में जोखिम बढ़ गया है, इसलिए आउटलुक को घटाने का फैसला किया है। बता दें कि दुनिया की अन्य बड़ी रेटिंग एजेंसी फिच और एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने भारत के आउटलुक को स्टेबल रखा है।

मूडीज से पहले और कंपनियां घटा चुकी हैं अर्थव्यवस्था में बढ़त का अनुमान

Advertisement

इसके पहले भी कई रेटिंग एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त और यहां के नजरिए के बारे में अपने अनुमान को घटा चुकी हैं। अप्रैल से जून की तिमाही में भारत के जीडीपी में बढ़त महज 5 फीसदी रही है, जो 2013 के बाद सबसे कम है।

अक्टूबर महीने में रेटिंग एजेंसी फिच ने इस वित्त वर्ष यानी 2019-20 के लिए सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) में बढ़त के अनुमान को घटाकर सिर्फ 5.5 फीसदी कर दिया। फिच ने कहा कि बैंकों के कर्ज वितरण में भारी कमी आने की वजह से ग्रोथ रेट छह साल के निचले स्तर पर पहुंच सकता है।

यह ग्रोथ अनुमान में बड़ी कमी है, क्योंकि इसके पहले जून में फिच ने वित्त वर्ष के लिए जीडीपी में 6.6 फीसदी की बढ़त होने का अनुमान जारी किया था।

सितंबर महीने में रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने दावा किया था कि भारत में आर्थिक सुस्ती अंदेशे से ज्यादा व्यावपक और गहरा रहा है। तब क्रिसिल ने भी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया था। क्रिसिल के मुताबिक 2019-20 में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान है।

इस वजह से बढ़ नहीं पा रही अर्थव्यवस्था की रफ्तार

कमजोर मांग और सरकारी खर्च घटने की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ नहीं पा रही। एक साल पहले की समान अवधि में जीडीपी में ग्रोथ 8 फीसदी की हुई थी।

देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य

बता दें कि मोदी सरकार ने अगले पांच साल में देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए लगातार कई साल तक सालाना 9 फीसदी की ग्रोथ रेट होनी चाहिए।

क्या है मूडीज

रेटिंग देने के इस सिस्टम की शुरुआत 1909 में जॉन मूडी ने ही की थी। इसका मकसद इन्वेस्टर्स को एक ग्रेड देना है, ताकि मार्केट में उसकी क्रेडिट बन सके। मूडीज कॉर्पोरेशन, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की पेरेंट कंपनी है, जो क्रेडिट रेटिंग और रिसर्च का काम करती है।

 

मूडीज की रेटिंग का मतलब मूडीज एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है. ये एजेंसी 100 से भी अधिक आर्थिक विशेषज्ञों के साथ किसी देश की रेटिंग तय करते हैं. हालांकि, इसके लिए कोई भी फॉर्मूला नहीं है.

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Moody's, Lowers, India's Outlook, 'Negative', From 'Stable'
OUTLOOK 08 November, 2019
Advertisement