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02 August 2017

आरबीआई ने रेपो रेट में की 0.25 फीसदी की कटौती, लोन होंगे सस्ते

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा में नई ब्याज दरों की घोषणा की है। आरबीआई ने रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटाकर 6.00 फीसदी कर दिया है। रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के बाद कर्ज का बोझ कम हो सकता है। साथ ही रिवर्स रेपो रेट को घटाकर 5.75 फीसदी और बैंक रेट 6.25 फीसदी कर दिया गया है। इससे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन सस्‍ता होने की उम्‍मीद है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने अक्‍टूबर 2016 में ब्याज दरों में कटौती की थी। 

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में दो दिन की मौद्रिक समीक्षा में यह फैसला लिया गया। कर्ज सस्‍ता कर विकास में तेजी लाने के लिए रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है। इससे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन सस्‍ता होने के पूरे आसार है जिसकी घोषणा बैंक जल्द ही कर सकते हैं।

रिजर्व बैंक के मॉ‍नीटरी पॉलिसी कमेटी के चार सदस्‍यों ने रेपो रेट में कटौती करने के पक्ष में राय दी थी जबकि 2 सदस्‍यों ने इसके खिलाफ राय दी। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जीएसटी को पूरे देश में बड़ी सहजता से लागू कर लिया गया। उन्होंने कहा, 'अच्छे मॉनसून और जीएसटी के सहजता से लागू हो जाने की वजह से समिति को नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेने में आसानी हुई।

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पिछले 7 साल में रेपो रेट की दर का यह न्यूनतम स्तर है। रिवर्स रेपो रेट घटने से लोन की ईएमआई पर सीधा असर पड़ने वाला है। हालांकि, यह बैंकों पर निर्भर करता है कि वो इसका कब तक और कितना लाभ आपको देंगे। गौरतलब है कि, जून महीने में खुदरा महंगाई दर 1.54 फीसदी के निचले स्तर पर रही है, जबकि मई महीने का औद्योगिक उत्पादन आंकड़ा 1.7 फीसदी रहा है जून, 2017 में भारत की महंगाई दर घटकर 1.54 फीसदी रह गई 

औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों के मुताबिक मई, 2017 में फैक्टरी उत्पादन विकास दर घटकर 1.7 फीसदी रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह आठ फीसदी था। आरबीआई ने इस साल मानसून में अच्छी बारिश को भी आधार बनाया। ब्याज दरों में कटौती के पीछे महंगाई के इन आंकड़ों का अहम रोल रहा दरअसल आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा से ठीक पहले देश के अग्रणी उद्योग मंडल एसोचैम ने आरबीआई से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करने का आग्रह किया था

 क्या होती हैं रेपो और रिवर्स रेपो रेट

रेपो रेट वह दर है जिसमें रिज़र्व बैंक सभी बैंकों को कर्ज देता है। रेपो रेट घटने का मतलब है बैंकों के पास ज़्यादा पैसा होगा। इससे बैंक बाजार को ज्यादा कर्ज दे सकते हैं। वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक सभी बैंकों को ब्याज देता है।

 


 

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TAGS: RBI, cuts key, rate by 0.25%
OUTLOOK 02 August, 2017
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