सरकार को झटकाः एडीबी ने घटाया भारत के वृद्धि दर का अनुमान
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 2016-17 के लिए भारत की वृद्धि दर्ज का अनुमान उल्लेखनीय रूप से घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है जबकि इससे पहले यह 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। एडीबी के प्रमुख प्रकाशन, एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) ने उपभोक्ता मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का भी अनुमान जताया है जो मुख्य तौर पर सरकारी कर्मचारियों की वेतन में वृद्धि और वैश्विक तेल मूल्य में थोड़ी बढ़ोतरी की आशंका के मद्देनजर किया गया है।
वैसे एडीबी ने 2016 के लिए पूरे एशिया की वृद्धि का अनुमान भी घटाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक मांग में कमी और चीन की अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण वृद्धि का अनुमान घटाया गया है। इस क्षेत्र की वृद्धि दर 2015 में 5.9 प्रतिशत थी। दिसंबर में जारी एडीओ के पूरक दस्तावेज में अनुमान जताया गया था कि विकासशील एशिया की वृद्धि 2016 में छह प्रतिशत रहेगी।
एडीबी ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2016 में थोड़ी गिरावट आ सकती है। अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2017 के दौरान फिर से तेजी आ सकती है क्येांकि बैंकिंग क्षेत्र के सुधार और निजी निवेश में संभावित तेजी का असर दिखने लगेगा। एडीबी ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2016 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी जो वित्त वर्ष 2015 के लिए अनुमानित 7.6 प्रतिशत से कम है। वित्त वर्ष 2017 में वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद है। खुद भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक अगले वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर 7-7.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री शांग-जिन वेइ ने कहा, भारत विश्व की सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करती अर्थव्यवस्था है और निकट भविष्य में यह स्थिति बनी रह सकती है।
एडीबी ने कहा, ज्यादातर औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक स्थिति में सुधार की प्रक्रिया धीमी रहने और चीन की अर्थव्यवस्था में नरमी के आसार के बीच एशिया के ज्यादातर क्षेत्रों में वृद्धि कम हो रही है। इससे 2016 के लिए विकासशील एशिया में वृद्धि दर पिछले अनुमानों से कम रहेगी। एडीबी ने चीन के लिए कहा है कि 2015 में वृद्धि घटकर 6.9 प्रतिशत और 2016 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2017 में वृद्धि घटकर 6.3 प्रतिशत रहेगी।