Advertisement
07 May 2016

शिक्षा ऋण पर राजन की सलाह, बेकार की डिग्री देने वाले स्कूलों से बचें छात्र

Twitter/Rajivunicdelhi

नोएडा स्थित शिव नाडर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राजन ने कहा, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भोले भाले छात्र ठगने वाले स्कूलों के झांसे में नहीं आएं क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो ये छात्र कर्ज के बोझ तले तो दबेंगे ही उनकी डिग्री भी किसी काम की नहीं होगी। रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि दुनिया भर में निजी शिक्षा महंगी है तथा यह और महंगी होती जा रही है। राजन ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले शोध विश्वविद्यालयों में निकट भविष्य में शिक्षा और महंगी होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी योग्य छात्रों के लिए डिग्री लेना सस्ता करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इसका एक समाधान शिक्षा ऋण है लेकिन हमें इसको लेकर सतर्क रहना चाहिए कि जिन छात्रों के पास साधन हैं, उनके द्वारा पूरे कर्ज का भुगतान किया जाना चाहिए जबकि जिन छात्रों की स्थिति ठीक नहीं है या जिन्हें कम वेतन वाली नौकरी मिली है उनके आंशिक कर्ज को माफ किया जाना चाहिए।

 

अपने संबोधन को हल्के-फुल्के अंदाज में शुरू करते हुए राजन ने कहा कि दीक्षांत समारोह में जो संबोधन होता है, उसे शायद ही लोग याद रखते हैं। आप अगर कुछ साल बाद में मेरा एक शब्द भी याद रखें तो मैं दीक्षांत समारोह में समान्य वक्ताओं से ऊपर निकल जाउंगा। अधिकतर लोग तो यह भी याद नहीं रख पाते कि उनके दीक्षांत समारोह को किसने संबोधित किया, यह बात तो दूर की है कि किसने संबोधन में क्या कहा। वैश्विक स्तर पर नामचीन अर्थशास्त्री राजन ने कहा कि मुक्त बाजार भी सही नहीं लगते हैं क्योंकि बेहतर स्थिति वाली बाजार अर्थव्यवस्थाएं भी ऐसा लगता है कि उन्हीं का पक्ष ले रहीं हैं जिनके पास पहले ही काफी कुछ है।

Advertisement

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: भारतीय रिजर्व बैंक, गवर्नर, रघुराम राजन, शिक्षा ऋण, शिव नाडर विश्वविद्यालय, दीक्षांत समारोह, निजी शिक्षा, गुणवत्ता, शोध विश्वविद्यालय, निकट भविष्य, नामचीन अर्थशास्त्री, मुक्त बाजार, अर्थव्यवस्था
OUTLOOK 07 May, 2016
Advertisement