केंद्रीय और एकीकृत जीएसटी कानून को मिली मंजूरी
परिषद की ओर से मंजूर किए गए विधेयकों को अगले सप्ताह फिर से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। सरकार इस नई कर प्रणाली को आगामी एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
जीएसटी से संबंधित दोनों तरह के विधेयक को मंजूरी दिए जाने की पुष्टि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने की और कहा सर्वसम्मित से सभी राज्यों ने इन बिलों का समर्थन किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सेंट्रल जीएसटी व इंटीग्रेटेड जीएसटी का फाइलन ड्राफ्ट आज जीएसटी की बैठक में वितरित कर दी गई।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा, राज्यों ने 26 बदलाव की मांग की थी जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। यह भारत की संघीय व्यवस्था का गुण प्रदर्शित करता है। केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) पर परिषद की मार्च के मध्य में होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा।
मित्रा ने आगे कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारे ढाबा और छोटे रेस्तरां कारोबारियों के लिए एक निपटान योजना रखने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, राज्य यह मांग कर रहे थे कि ढाबा और छोटे रेस्तरां निपटारा योजना अपना सकते हैं। केंद्र इस पर सहमत हो गया है कि इन छोटे कारोबारी पर 5 प्रतिशत कर लगेगा और यह केंद्र एवं राज्यों के बीच बराबर बांटा जाएगा।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि परिषद की आज की बैठक में केंद्रीय जीएसटी तथा एकीकृत जीएसटी विधेयकों पर व्यापक रूप से सहमति रही। उन्होंने कहा, रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। हर कोई जानता है कि जमीन जायदाद के क्षेत्र में काफी कालाधन प्रयोग होता है। ऐसे में रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने से कालाधन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
जीएसटी परिषद की 11वीं बैठक में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी), राज्य जीएसटी (एसजीएसटी), एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) विधेयकों पर विचार-विमर्श किया। इस परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री तथा राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की पिछले महीने हुई बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति संबंधी कानून को मंजूरी दी गयी. हालांकि, सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी विधेयकों के आधा दर्जन प्रावधानों की कानूनी भाषा के चलते इन्हें मंजूरी नहीं दी जा सकी । भाषा