बीती तिमाही में सरकारी बैंकों में हुए 2480 फ्रॉड, 32 हजार करोड़ रुपये फंसे
पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले के बाद अगर आप सोचते हों कि सरकारी बैंकों का तत्र पर्याप्त पुख्ता हो गया होगा और फ्रॉड रुक गए होंगे तो आप गलत है। हाल में भारतीय रिजर्व बैंक से मिली जानकारी के मुताबकि, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही 18 सरकारी बैंकों में 2480 फ्रॉड केस हुए जिनमें 31,898.63 करोड़ रुपये फंस गए ।
स्टेट बैंक में सर्वाधकि फ्रॉड
मध्य प्रदेश के नीमच में रहने वाले एक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ को आरटीआइ के जरिये मिली जानकारी के मुताबकि, सबसे ज्यादा केस भारतीय स्टेट बैंक को सामने आए। एसबीआइ में 38 फीसदी फ्रॉड केस सामने आए। आरटीआइ के तहत मिली जानकारी के मुताबकि, स्टेट बैंक में 1197 फ्रॉड केस हुए जिनमें 12012.77 करोड़ रुपये रुपये फंस गए।
पीएनबी में भी 99 फ्रॉड केस
एसबीआइ के बाद इलाहाबाद बैंक में 2855.46 करोड़ रुपये के 381 फ्रॉड केस हुए। पीएनबी में भी 99 फ्रॉड केस हुए जिनमें 2526.55 करोड़ रुपये फंस गए। पीएनबी में ही नीरव मोदी-मेहुल चौकसी के घोटाला हुआ था। जिसमें बैंक को 14,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। बैंक इस घोटाले से अभी तक उबर नही पाया है।
स्पष्ट नहीं, नुकसान बैंकों को या ग्राहकों को
हालांकि आरबीआइ ने यह जानकारी नहीं दी है कि बैंकिंग फ्रॉड किस प्रकार के थे और उनमें नुकसान बैंकों को हुआ या फिर ग्राहकों को। फ्रॉड केसों से बैंकों को नुकसान के सवाल पर आरबीआइ ने कहा कि उसके पास इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है कि बैकों को इस अवधि में कितना नुकसान हुआ।
किस बैंक में कितने फ्रॉड
बैंक ऑफ बड़ौदा में 75 फ्रॉड केस हुए जिनमें 2297.05 करोड़ रुपये फंसे थे। ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 45 केसों में 2133.08 करोड़ रुपये फंसे थे। केनरा बैंक में 69 केसों में 2035.81 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंिडया में 194 केसों में 2035.81 करोड़ और यूनाइटेड बैंक में 31 केसों में 1196.19 करोड़ रुपये फंस गए।