जीएसटी से लेकर बैंकरप्सी कोड तक अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी ने कही ये बातें
72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। मोदी के इस कार्यकाल का यह आखिरी भाषण था। लिहाजा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी सरकार के कामकाज का लेखाजोखा पेश करते नजर आए। उन्होंने जीएसटी, बैंकरप्सी कोड समेत आर्थिक मोर्चे पर मिली उपलब्धियों का जिक्र किया।
‘जीएसटी से बढ़ा कारोबारियों का विश्वास’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक बड़ा बदलाव करार देते हुए कहा कि इसने कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। जीएसटी हर कोई चाहता था, लेकिन निर्णय नहीं हो पाते थे। राजनीति-चुनाव का दबाव रहता था। उन्होंने कहा, ''छोटे-छोटे कारोबारियों की मदद से आज देश में जीएसटी लागू हो गया।'' उन्होंने कहा कि कारोबारियों का विश्वास मजबूत हुआ है। कारोबारियों ने शुरुआती परेशानियों के बावजूद जीएसटी को गले लगाया। इससे देश आगे बढ़ा।
छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की छठवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। हमारे यहां हो रहे छोटे-बड़े बदलावों पर दुनिया नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले जो विद्वान भारत को रिस्क इकोनॉमी के तौर पर पेश करते थे। आज वही इसकी तारीफ करते थक नहीं रहे हैं। वे लोग अब इसे विश्वास की नजर से देख रहे हैं। वैश्विक संस्थाएं आज भारतीय इकोनॉमी को मजबूत बता रही हैं। यहां अब लाल फीताशाही खत्म हो रही है।
बैंकरप्सी कानून
पीएम मोदी ने कहा, “बैंकरप्सी कानून के लिए किसने रोका था? बेनामी संपत्ति का कानून पहले क्यों नहीं बना था? हम हिम्मत से फैसले लेते हैं। हम दल हित में नहीं, देश हित में फैसले करते है।”
उन्होंने कहा कि जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है।
‘डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी’
मोदी ने कहा, “2013 तक डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या सिर्फ चार करोड़ थी, लेकिन अब ये संख्या पौने सात करोड़ हो गई है। मैं टैक्स दाताओं को विश्वास दिलाता हूं कि आप टैक्स के पैसों से गरीब को फायदा पहुंचा जा रहा है, करीब 3 गरीब परिवार हर एक करदाता के कर से खाना खाता है।”