नोटबंदी के बाद 73,000 कंपनियों के बैंक खाते में जमा हुए 24,000 करोड़ रुपये
नोटबंदी के बाद देश में ऐसी 73,000 कंपनियों के बैंक खातों में 24,000 करोड़ रुपये की रकम जमा कराई गई, जिनका पंजीकरण अब रद्द किया जा चुका है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
काले धन और अवैध संपत्तियों पर शिकंजा कसने के लिए कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने करीब 2.26 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। ये कंपनियां लंबे समय से कारोबार नहीं कर रही थी। इनमें से कई कंपनियों का इस्तेमाल धन की हेराफेरी के लिए किए जाने का संदेह है।
मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, 2.26 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया था, जिनमें से 1.68 कंपनियों के बैंक खातों से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद उनके खातों में रकम जमा कराई गई थी।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मंत्रालय ने बयान में कहा कि इनमें से 73,000 कंपनियों के खातों में 24,000 करोड़ रुपये जमा हुए थे। विभिन्न बैंकों से कंपनियों की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया चल रही है।
दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि 68 कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही है। इनमें 19 कंपनियों की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) जबकि 49 कंपनियों की जांच रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज कर रहा है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 8 नवम्बर 2016 से कानूनी रूप से 500 रुपये और 1,000 रूपये के नोटों को प्रचलन से बंद कर दिया था। सरकार ने इन नोटों को यह कहते हुए बंद किया था कि वह काला धन, आतंकियों और माओवादियों की फंडिंग पर चोट पहुंचाने के लिए यह फैसला ले रही है।
कंपनी एक्ट के तहत, सरकार के पास यह ताकत है कि वह किसी भी समय कई आधारों पर किसी भी कंपनी के रजिस्ट्रेशन को कैंसिल कर सकती है।