नए खरीदार आकर्षित करने के लिए अब अमेजन इंडिया ने हिंदी में शुरू की सेवा
एप्पल के बाद एक ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप वाली कंपनी बनी अमेजन इंडिया का ऑनलाइन मार्केटप्लेस अब हिंदी में भी उपलब्ध होगा। बताया जा रहा है कि कंपनी ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने हिंदी भाषी उपभोक्ताओं के लिए ये सेवा शुरू की है। दरअसल, कंपनी का लक्ष्य 10 करोड़ खरीदारों को ऑनलाइन लाना है।
इससे हिंदी भाषी उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में मिलेगी मदद
अभी प्रतिस्पर्धी कंपनियों फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, पेटीएम मॉल और शॉपक्लूज की वेबसाइट और एप सिर्फ अंग्रेजी में उपलब्ध है। अमेजन को इस देसी संस्करण से हिंदी भाषी उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
अब हिंदी में ऑफर और ऑर्डर कर सकेंगे उपभोक्ता
अमेजन इंडिया के उपाध्यक्ष (श्रेणी प्रबंधन) मनीष तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, इससे देश में खरीदार अमेजन की खरीदारी का हिंदी में भी लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता उत्पाद की जानकारी हिंदी में पढ़ने के साथ ही सौदे एवं छूट खोजना, ऑर्डर करना आदि भी हिंदी में कर सकेंगे।
10 करोड़ नए उपभोक्ताओं को ऑनलाइन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
तिवारी ने कहा, ‘हिंदी में खरीदारी की शुरुआत 10 करोड़ नए उपभोक्ताओं को ऑनलाइन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। किसी भारतीय भाषा में इस तरह की पहली शुरुआत से करोड़ों हिंदी भाषी अपनी पसंदीदा भाषा में खरीदारी कर सकेंगे।’
2021 तक देश में हिंदी भाषी इंटरनेट उपयोक्ताओं की संख्या बढ़ने का अनुमान
गौरतलब है कि 2021 तक देश में हिंदी भाषी इंटरनेट उपयोक्ताओं की संख्या अंग्रेजी उपयोक्ताओं से बढ़ जाने का अनुमान है। इसके अलावा मराठी एवं बंगाली आदि क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोक्ता भी बढ़ेंगे। यह भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र की वृद्धि के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
एपल के बाद एक ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप वाली कंपनी बनी अमेजन
अमेरिका की ऑनलाइन शॉपिंग दिग्गज कंपनी अमेजन ने एक और उपलब्धी हासिल कर ली है। एपल के बाद अमेजन ऐसी दूसरी कंपनी बन गई है जिसकी बाजार वैल्यू (स्टॉक मार्केट वैल्यू) एक खरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है। सिलिकॉन वैली स्थित कंपनी एपल ने अभी एक महीने पहले ही ऐसी पहली कंपनी होने की ख्याति पाई थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मंगलवार को अमेजन के शेयरों ने 2050.27 डॉलर पर कारोबार किया। इस वजह से अमेजन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1 खरब डॉलर को पार कर गया।