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22 September 2018

अब हर किसी को सपनों का घर मिलना हुआ आसान

एक ऐसा समय था जब लोग जीवन भर बचत करते थे और जीवन के अंतिम पड़ाव में घर खरीद पाते थे। वहीं कई लोगों की आय तुलना में कम हुआ करती थी,जिससे उनका घर खरीदने का सपना पूरा नहीं हो पाता था। कई लोग किराए के घरों में ही जीवन गुजार देते थे।

अब सभी के लिए अच्छी खबर यह है कि ये सब परेशानियां बीते दिन की बात हो गई हैं और हर किसी के लिए आवास मिशन के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) या पीएमएवाय (शहरी) योजना उपलब्ध है। उपरोक्त योजना के अंतर्गत बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कई प्रमुख बैंक इस उद्देश्य हेतु आवास ऋण उपलब्ध करवा रहे हैं। आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग (ईडबल्यूएस), कम आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत शामिल हैं। यह 2022 तक “सभी के लिए आवास” उपलब्ध करवाने के महत्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय आवास मिशन का भाग है।

पीएमएवाय प्रायमर राष्ट्रीय आवास मिशन, केंद्र एवं राज्य सरकारों के चार प्रभागों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। इनमें से एक प्रभाग क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के माध्यम से सस्ता आवास उपलब्ध करवाना है और यह बैंकों को लागू होता है। इसकी निगरानी आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा भी की जाती है।

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ईडबल्यूएस हेतु पीएमएवाय यदि उधारकर्ता की पारिवारिक वार्क षि आय रु. 3 लाख तक है और प्रस्तावित आवास का आकार 30 वर्ग मीटर है तो वह ईडबल्यूएस वर्ग के लिए पात्र होगा/होगी।

एलआईजी हेतु पीएमएवाय रु. 3-6 लाख की वार्षिक आय वाला उधारकर्ता और 30-60 वर्ग मीटर के आकार का आवास एलआईजी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। सीएलएसएस के अंतर्गत, ईडबल्यूएस और एलआईजी वर्ग के लाभार्थियों द्वारा प्राप्त किए गए आवासीय ऋण पर 6.5% की ब्याज सब्सिडी उपलब्ध है। रु. 6 लाख के ऋण घटकों के लिए सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है।

लाभार्थी पीएमएवाय के अंतर्गत 2001 की जनगणना के अनुरूप शहरी क्षेत्रों के लिए लाग रियायती ऋण योजना में केंद्रीय सहायता से लाभ प्राप्त करने वाले लोगों का निर्धारण किया गया है। परिवार के अंतर्गत इसमें पति, पत्नी, अविवाहित पुत्र एवं पुत्री का समावेश होता है। सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि उधारकर्ता के अपने या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर भारत के किसी भी भाग में पक्का घर नहीं होना चाहिए।

मध्यम आय समूह (एमआईजी) हेतु पीएमएवाय सस्ता आवास योजना एमआईजी को भी शामिल करती है। यह एक महत्वपूर्ण विशेषता है जो कि इस बात पर आधारित है कि इस दशक के अंत तक प्रत्येक 10 में से चार भारतीय शहरों में निवास कर रहे होंगे। इसके अलावा एमआईजी को दो उप समूहों में उप वर्गीकृत किया गया है।

एमआईजी I इस वर्ग में 6-12 लाख की वार्षिक आय वाले परिवार आते हैं। अतिरिक्त मानदंड में 160 वर्ग मीटर तक के आवास शामिल हैं।

एमआईजी II इस वर्ग में रु. 12-24 लाख की उच्च वार्षिक आय वाले परिवार आते हैं। अतिरिक्त मानदंड में 200 वर्ग मीटर तक के आवास शामिल हैं।

एमआईजी I और एमआईजी II वर्गों के ऋण हेतु ब्याज सबसिडी क्रमश: 4% और 3% है. रु. 9 लाख तक के ऋण हेतु एमआईजी I वर्ग और रु. 12 लाख तक के ऋण हेतु एमआईजी II वर्ग के लिए यह सब्सिडी लागू है। यह किसी भी ऋण आकार और 20 वर्षों की अवधि या ऋण अवधि, जो भी कम है के लिए होगा। अच्छी बात यह है कि इन दोनों योजनाओं में सब्सिडी का भुगतान अग्रिम किया जाता है।

पीएमएवाय के विभिन्न प्रयोग पीएमएवाय के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आवास या फ्लैट की खरीदी या आवासीय भूमि खंड खरीदने से लेकर आवास निर्माण हेतु तथा मौजूदा आवास का विस्तार करने जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए यह प्राप्त किया जा सकता है। इसमें स्वयं के पैसों से निर्माण की लागत की प्रतिपूर्ति का प्रावधान भी है। अंतिम परंतु महत्त्वपूर्ण बात यह है कि पीएमएवाय के अंतर्गत आवास ऋण अन्य बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से पात्र आवास ऋण को टेक ओवर करने के बाद भी प्राप्त किया जा सकता है।

यह स्पष्ट है कि पीएमएवाय केवल अन्य आवास ऋण जैसी कोई योजना नहीं है। यह निम्न तबके के आम व्यक्ति को आवास खरीदने का अवसर उपलब्ध करवाती है और यह सुनिश्चित करती है कि अपना स्वयं का घर खरीदने का सपना पूरा करने और एक स्वाभिमानी आवास का स्वामी होने जैसे लाभ प्राप्त करने के रास्तेमें कम आय बाधा नहीं बनेगी। अब हर भारतीय बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बैंकों से सस्ती आवासीय ऋण की सुविधा प्राप्त करके पीएमएवाय की सहायता से आवास खरीद सकता है।

सोर्स- बैंक ऑफ बड़ौदा

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OUTLOOK 22 September, 2018
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