नए नोटों की आपूर्ति के बाद नकदी निकासी की सीमा बढ़ाई जाएगी : सरकार
सरकार ने कल कालेधन पर अंकुश के इरादे से 500 और 1,000 के नोटों पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार ने कहा है कि इस कदम से औपचारिक अर्थव्यवस्था में काफी ऐसा धन आएगा जो अभी बेकार या निष्क्रिय पड़ा है। इस धन का इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया जा सकेगा।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने पीटीआई भाषा से कहा, अर्थव्यवस्था में गतिविधियों के स्तर पर लघु अवधि में कुछ असर होगा, लेकिन एक बार नए करेंसी नोटों की आपूर्ति पर्याप्त होने के बाद बाजार स्थिर होगा और गतिविधियों का स्तर भी बढ़ेगा। पुराने करेंसी नोटों को बैंकों में 30 दिसंबर तक जमा कराया जा सकता है। छोटे नोटों की निकासी की जा सकती है, हालांकि इसमें कुछ अंकुश रहेंगे। मसलन एक बैंक खाते से एक दिन में 10,000 रुपये या सप्ताह में 20,000 रुपये या एटीएम से एक दिन में 2,000 रुपये निकाले जा सकते हैं।
अधिया ने कहा, शुरुआती में निकासी पर कुछ अंकुश रहेगा। लेकिन 2,000 और 500 के नए नोटों की आपूर्ति में सुधार के बाद जल्द से जल्द इस मामले में कुछ राहत दी जाएगी। ऐसे में समय के साथ लोगों को राहत मिलेगी।
राजस्व सचिव अधिया ने बताया कि ऊंचे मूल्य के नोटों को हटाने का काम इससे पहले 1978 में किया गया था। उस समय 10,000, 5,000 और 1,000 के नोटों को हटाया गया था। यह उस समय चलन में मौजूद कुल करेंसी का सिर्फ दो प्रतिशत था। उन्होंने कहा, लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। 500 और 1,000 के नोटों का मूल्य 85 प्रतिशत है। यह एक काफी बड़ा फैसला है। इससे कालेधन पर अंकुश को लेकर व्यापक प्रभाव पडे़गा। अधिया ने कहा कि इससे सबसे अच्छी बात यह होगी कि काफी ऐसा धन जो बेकार पड़ा है औपचारिक अर्थव्यवस्था में आएगा। बैंकों को काफी जमा मिलेगा। इस राशि का इस्तेमाल देश के आर्थिक विकास के लिए उत्पादक कार्यों में किया जा सकेगा।
इस कदम के पीछे वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका मकसद छद्म अर्थव्यवस्था को समाप्त करना है।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने भी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए 500 यूरो का नोट बंद किया था। यह कदम कुछ इसी तर्ज पर है। इससे काले धन और चोरी को रोकने में मदद मिलेगी।
वर्ष 1978 के बाद यह पहला अवसर है जबकि सरकार ने चलन में मौजूद करेंसी को वापस लिया है। अधिया ने कहा, इससे एक और अच्छी बात यह होगी कि नकदी की कमी की वजह से लोग अब प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल करेंगे और वे बैंकों के जरिये अधिक लेनदेन करेंगे। वे चेक का इस्तेमाल करेंगे और ऑनलाइन धन स्थानांतरण को तरजीह देंगे। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को इन तरीकों का इस्तेमाल करने का दबाव बढ़ेगा। इसके दीर्घावधि के फायदे हैं। अंतत: लोग नकदी का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करेंगे।
भाषा