जीएसटी काउंसिल अधीक्षक मोनिश मल्होत्रा घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जीएसटी परिषद के एक अधीक्षक को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारीयों के हवाले से बताया, जीएसटी परिषद के अधीक्षक मोनीश मल्होत्रा के अलावा कथित तौर पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले मानस पात्रा को बुधवार की शाम गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने जीएसटी काउंसिल के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।
एजेंसी का आरोप है मल्होत्रा और अन्य अधिकारी मिलकर नियमित समय पर मिलने वाली ‘रिश्वत’ के एवज में व्यापारियों पर कार्रवाई नहीं कर रहे थे। मानस पात्रा, मल्होत्रा के प्रतिनिधि के रूप में व्यापारियों से संपर्क करता था और मासिक/त्रैमासिक आधार पर रिश्वत की रकम चेक, एनईएफटी और नकद में ली जाती थी। सीबीआई को जानकारी मिली है मानस पात्रा ने मल्होत्रा के लिए पिछले कुछ दिनों में भारी रिश्वत ली है।
यह संभवत: पहला मामला है जब जीएसटी परिषद के किसी अधिकारी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. यह आरोप है कि पूर्व में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में नियुक्त मल्होत्रा भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल था। वह निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के एवज में रिश्चवत लेता रहता था। जांच एजेंसी को यह पता चला कि मल्होत्रा की तरफ से मानस पात्रा लोगों से संपर्क करता और तिमाही या मासिक आधार पर रिश्वत लेता था।
सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के मुताबिक, घूस को छिपाने के लिए पात्रा पहले इस रकम को अपने एकाउंट में जमा कर लेता था। बाद में उस रकम को मल्होत्रा की पत्नी शोभना के एचडीएफसी बैंक एकाउंट और उसकी बेटी आयुषी के आइसीआइसीआइ बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। जांच एजेंसी के एक अधिकारी के अनुसार सीबीआई को यह पता चला था कि मानस पात्रा मनीष मल्होत्रा के निवास पर जा कर धन-राशि के साथ कुछ कागज सौंपने वाला था जिसमें रिश्वत प्राप्तियों के बारे में पूरा ब्योरा होगा. उसने कहा कि सीबीआई ने परिसर की तलाशी ली और मल्होत्रा तथा पात्रा को रिश्वत की राशि तथा कुछ दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया।