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27 August 2019

राजकोषीय घाटा पूरा करने के लिए किया जा रहा आरबीआई रिजर्व फंड का इस्तेमाल: सीपीएम

File Photo

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को सरप्लस रिजर्व फंड से 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। आरबीआई  ने यह निर्णय निदेशक मंडल ने बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद लिया है। इसे लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सीपीएम ने कहा कि राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए आरबीआई के रिजर्व फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है।

पार्टी का कहना है कि इसी तरह अतीत में सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनियों जैसे ओएनजीसी को मोदी सरकार के प्रोपैगैंडा के खर्चों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया गया। पार्टी ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर पड़ रही मार से किसान, मजदूर, एमएसएमई, युवक और महिला कामगार सभी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। साथ ही सीपीएम ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन की बात भी कही है।

पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले दोगुना है सरप्लस ट्रांसफर

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आरबीआई की वित्तीय स्थिरता वैश्विक स्तर पर पैदा हुई मौद्रिक या वित्तीय अस्थिरता से हमारी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए जरूरी है। इस सरकार ने आरबीआई पर 1.76 लाख करोड़ रुपए की बड़ी रकम सरकार को देने के लिए दबाव डाला। पिछले पांच सालों में मोदी सरकार आरबीआई का 99.99 मुनाफा ले चुकी है। यह सरप्लस ट्रांसफर पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले (65896 करोड़ रुपए) लगभग दोगुना है। आर्थिक मंदी से नवरत्नों के सामने भी समस्याएं आ रही हैं।

किसान, एमएसएमई, युवा और महिला कामगार परेशान

पार्टी के मुताबिक, बेरोजगारी दर 9 फीसदी को पार गई है, जो कि दशकों में सबसे ज्यादा है। ऐसे में सरप्लस ट्रांसफर अर्थव्यवस्था और कामकाजी लोगों को प्रभावित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी वेल्थ क्रियेटर की बात करते हैं। वेल्थ तभी पैदा होगी जब वैल्यू पैदा की जाएगी। किसान, कामगार, एमएसएमई, युवा और महिला कामगार सभी परेशान हैं। सीपीएम ने अर्थव्यवस्था पर हमले का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।

आरबीआई के मुनाफे का 99 फीसदी ले चुकी है सरकार: येचुरी

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने आरबीआई से केंद्र को धन के हस्तांतरण पर हमला बोलते हुए मंगलवार को यह आरोप लगाया कि सरकार 2014 से रिजर्व बैंक का फीसदी मुनाफा ले चुकी है।

येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘2014 से मोदी सरकार ने अपने प्रचार अभियानों के लिए हर साल आरबीआई के मुनाफे का 99% हिस्सा लिया। इस बार तो उन्होंने एक झटके में 1.76 लाख करोड़ रुपए हड़प लिए, जिसका इस्तेमाल बैंकों में नई पूंजी डालने के लिए किया जाएगा जिन्हें मोदी के यार-दोस्त लूट चुके हैं।’’ सीताराम येचुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका पर कभी भी इतनी बेरहमी से हमला नहीं किया गया जितना कि मोदी सरकार के शासन में हुआ।

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TAGS: Communist Party of India (Marxist), cpi-m, rbi, fiscal deficit
OUTLOOK 27 August, 2019
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