कांग्रेस ने जीडीपी ग्रोथ पर सरकार के दावों को किया खारिज, कहा- यह सात साल में सबसे कम
कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने सरकार के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है कि अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से बाहर निकल आई है और अब आगे सुधार हो रहा है। सरकार के पास सोच, समझ और दृष्टि नहीं है और असलियत छिपाने के लिए आधारहीन दावे कर रही है। उन्होंने कहा कि जीडीपी वृद्धि दर पिछले सात साल में सबसे कम रही और लगातार सात तिमाही में यह गिरती जा रही है जो चिंता का विषय है।
शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जीडीपी की तीसरी तिमाही के कल आंकड़े आये हैं। तीसरी तिमाही के आंकड़े हमेशा सबसे मजबूत होते हैं। एक तो खरीफ की फसल इस बार अच्छी हुई और दूसरा यह त्योहारों का समय रहता है। इस समय खपत भी होती है, मांग भी बढ़ती है, बिक्री भी होती है। पिछले दशकों से तीसरी तिमाही का जीडीपी में वृद्धि सबसे अच्छी रहती है। लेकिन इस बार जीडीपी वृद्धि दर पिछले सात साल में सबसे कम रही है। यह सरकार की दिशाहीन आर्थिक नीति का नतीजा है।
'दशकों में नहीं रही सिगल डिजिट ग्रोथ'
आनंद शर्मा ने कहा कि जीडीपी वृद्धि दर हमेशा डबल डिजिट में रहती थी। पिछली बार भी ग्रोथ सिंगल डिजिट में रही और इस बार भी सिंगल डिजिट में है। दशकों में ऐसा नहीं हुआ और अब लगातार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के कल के दावे को खारिज करते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट अब खत्म हो रही है। अगर सरकारी खर्चे को देखें और रक्षा, प्रशासन, सेवा क्षेत्र को निकाल दें, तो जीडीपी 3.7 प्रतिशत है।
'सरकार का बजट दिशाविहीन है'
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार का बजट दिशाविहीन है। निवेशक और उत्पादक को कोई प्रोत्साहन नहीं मिल रहा। देश में निवेश लगातार कम हो रहा है और इस तिमाही में निवेश 0.6 प्रतिशत है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि बावजूद इसके सरकार कैसे कह रही है कि हम रिकवरी के रास्ते पर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सालाना वार्षिक जीडीपी 5 प्रतिशत बता रही है। निवेश के बाद सबसे बड़ी चिंता विनिर्माण की है, जहाँ से रोजगार पैदा होते हैं। साफ है कि निर्माण नहीं हो रहा और कारखाने बंद पड़े हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार के आंकड़े सही नहीं है। सरकार को राजस्व 11 लाख करोड़ आया है और बजट 26 लाख करोड़ का है। बजट राजस्व पर ही निर्भर होता है तब तीन महीने में 15 लाख करोड़ कहां से आएंगे।