कोविड-19 के चलते इस वर्ष सिर्फ 2.5% रहेगी भारत की विकास दर, दुनिया में मंदी की आशंकाः मूडीज
कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष दुनिया के मंदी की चपेट में आने का अंदेशा है, और भारत की विकास दर गिरकर सिर्फ 2.5 फीसदी रह सकती है। यह अनुमान मूडीज इन्वेस्टर सर्विस का है। कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए इसने पहले भारत की विकास दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था, अब इसे घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया है। 2019 में विकास दर पांच फीसदी थी। गौरतलब है कि बुधवार, 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन है और जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी व्यावसायिक गतिविधियां बंद हैं। इससे लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं।
वैश्विक विकास दर 0.5 फीसदी निगेटिव रहने की आशंका
मूडीज की रिपोर्ट में कहा है, “कोरोना वायरस के झटके को देखते हुए हमने 2020 के लिए वैश्विक विकास दर का अनुमान घटा दिया है। विकसित देशों में इसका असर ज्यादा दिख रहा है। इसलिए 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था का आकार 0.5 फीसदी घटने की आशंका है। हालांकि 2021 में विकास दर 3.2 फीसदी रह सकती है।” कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से पहले नवंबर 2019 में मूडीज ने वैश्विक विकास दर 2.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
डिमांड में अभूतपूर्व कमी आएगी
मूडीज के अनुसार प्रमुख देशों की सरकारों और केंद्रीय बैंकों की तरफ से त्वरित कार्रवाई के बावजूद वित्तीय क्षेत्र में वित्तीय अस्थिरता 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट जैसी हो गई है। यह अस्थिरता आम लोगों और कॉरपोरेट जगत में फैली बेचैनी और अनिश्चितता के कारण है। अगले दो से चार महीने में डिमांड में जो कमी आएगी, वैसी पहले कभी नहीं आई। आमदनी में गिरावट का विश्व अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर होगा।
अगले कुछ महीनों तक सभी देशों में नौकरियां जाएंगी
मूडीज का मानना है कि अगले कुछ महीनों तक तमाम देशों में नौकरियां जाएंगी। रिकवरी इस बात पर निर्भर करेगी कि कितनी नौकरियां गईं और कंपनियों को होने वाला नुकसान स्थायी है या अस्थायी। जिन देशों में सरकारें बड़े पैकेज ला रही हैं, वहां भी छोटी कंपनियों पर खतरा है। उनके सामने वित्तीय संकट आने की पूरी आशंका है।