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24 March 2020

क्रूड की कीमत जमीन पर लेकिन पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं हुआ, सरकार ने फायदा अपनी जेब में डालने का किया इंतजाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गई है। विशेषज्ञ कीमत घटकर 20 डॉलर तक आने का अनुमान लगा रहे हैं। कच्चा तेल महंगा होने के तर्क पर ऊंची कीमत का पेट्रोल और डीजल खरीदने वाले आम उपभोक्ता और उद्योग पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में राहत की उम्मीद कर रहे थे लेकिन सरकार ने पिछले सप्ताह उपभोक्ताओं को तीन रुपये प्रति लीटर की जो राहत मिलती, वह एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अपने खजाने में जमा कर ली। इस तरह 39,000 करोड़ रुपये का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाया। इतना ही नहीं, सरकार ने इसका भी पुख्ता इंतजाम कर लिया है कि आगे का फायदा भी वह अपने खजाने में ही जमा करेगी। इसके लिए सरकार ने अगले वित्त वर्ष के वित्त विधेयक में प्रावधान करके पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी की अधिकतम सीमा आठ-आठ रुपये बढ़ा दी है।

20 डॉलर तक गिर सकता है क्रूड ऑयल 

पहले सऊदी अरब और रूस की तनातनी के चलते उत्पादन बढ़ने और बाद में कोरोना संकट और ग्लोबल आर्थिक विकास दर सुस्त पड़ने की चिंता से कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आ रही है। पिछले दिनों की गिरावट के बाद आज कच्चे तेल की कीमत में कुछ तेजी दिखाई दी। ब्रेंट क्रूड ऑयल करीब तीन फीसदी बढ़कर 30 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड ऑयल चार फीसदी की तेजी के साथ 24.40 डॉलर पर है। कई विश्लेषकों का अनुमान है कि कच्चा तेल घटकर 20 डॉलर तक आ सकता है। कच्चे तेल के लिए आयात पर अत्यधिक निर्भर भारत जैसे देश के लिए यह बड़ी राहत की बात है। कच्चे तेल के आयात का भारत का बिल घटेगा जिससे व्यापार संतुलन बेहतर होगा और करेंट एकाउंट डेफिसिट कम होगा। इतना ही नहीं, पेट्रोलियम उत्पाद सस्ते होने से महंगाई का दबाव कम होगा।

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 लोगों को 39 हजार करोड़ का फायदा मिलता

लेकिन कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का फायदा न दिए जाने से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी नहीं आ रही है। सरकार ने पिछले सप्ताह एक्साइज ड्यूटी तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी। इससे 39,000 करोड़ रुपये का फायदा आम उपभोक्ताओं से बजाय सरकार को मिला।

अभी भी टैक्सों का अत्यधिक भार

दिल्ली में पेट्रोल 69.59 रुपये और डीजल 62.29 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिक रहा है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के प्राइस ब्रेकअप के अनुसार 69.59 रुपये प्रति लीटर वाले पेट्रोल की मूल कीमत भाड़ा जोड़कर महज 28.28 रुपये थी। इसके अलावा 22.98 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 14.79 रुपये वैट के अलावा डीलर कमीशन जोड़कर फुटकर मूल्य तय किया गया। इसी तरह डीजल की 31.78 रुपये भाड़ा सहित मूल कीमत में 18.83 रुपये एक्साइज और 9.19 रुपये वैट के साथ डीलर कमीशन जोड़कर 62.29 रुपये प्रति लीटर रिटेल प्राइस तय किया गया था। अगर तीन रुपये की राहत दी जाती तो पेट्रोल करीब 66 रुपये और डीजल 59 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा होता।

एक्साइज ड्यूटी और बढ़ाने का भी रास्ता साफ

यही नहीं, गत दिवस वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वित्त वर्ष के फाइनेंस बिल में एक नया प्रावधान किया है, जिसके अनुसार सरकार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी की अधिकतम सीमा आठ रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की संसद से अनुमति मिल गई है। पेट्रोल और डीजल पर एडीशनल एक्साइज ड्यूटी अधिकतम सीमा पर पहुंच चुकी है। इस समय सरकार इस मद में पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर शुल्क लगा रही है। इस बंदिश के कारण ही पिछले दिनों जब ड्यूटी बढ़ाई गई तो एडीशनल एक्साइज ड्यूटी दो-दो रुपये और एक-एक रुपया प्रति लीटर रोड एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस के रूप में बढ़ाया गया। ड्यूटी सीलिंग बढ़ने के बाद सरकार भविष्य में भी कच्चा तेल सस्ता होने का अधिकांश फायदा अपने पास रख सकती है।

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TAGS: diesel, petrol, Crude price, coronavirus
OUTLOOK 24 March, 2020
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