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20 April 2020

ई-कॉमर्स को दी गई छूट वापस लेने का फैसला खुदरा व्यापारियों के हक मेंः स्वदेशी जागरण मंच

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स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-जरूरी सामान बेचे जाने के लिए के लिए गृह मंत्रालय द्वारा दी गई छूट को वापस लेने के फैसले का स्वागत किया है तथा इसे उचित समय पर लिया गया सही निर्णय करार दिया है। मंच का कहना है कि यह देश के खुदरा व्यापारियों के हक में उठाया गया बड़ा कदम है।

बता दें कि बीते गुरुवार को सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को लॉक डाउन-2 के दौरान 20 अप्रैल से कम आवश्यक सामानों की ऑनलाइन बिक्री की छूट दी थी लेकिन सरकार ने इस छूट को अब वापस ले लिया है।

मंच का मानना है कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने कुछ चिन्हित सामानों की बिक्री अपने खास रिटेलर नेटवर्क के माध्यम से ही करती रही हैं। कठिन परिस्थितियों के दौरान आम जनता के बीच अति आवश्यक जरूरत की चीजें मुहैया कराने में इनकी भागीदारी न के बराबर रही है। ऐसे में गृह मंत्रालय द्वारा पूर्व के दिशा निर्देश में इन्हें छूट दिया जाना उचित नहीं था। वहीं, हमारे खुदरा व्यापारियों को जो दिन-रात आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति में लगे हुए हैं, उनके साथ अन्याय भी था।

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अन्य राज्यों से भी ई-कॉमर्स कंपनियों को मिली छूट वापस लेने की उम्मीद

मंच का कहना है कि कोरोना महामारी की इस लड़ाई में हमारे किराना ट्रेडर्स या पंसारी के दुकानदारों ने सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के तहत सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की जरूरतें पूरा करने का बखूबी निर्वाह किया है। समाज के सभी वर्गों द्वारा इनकी सेवाओं की सराहना हुई है। मंच ने यह उम्मीद जताई है कि देश के अन्य राज्य भी ई-कॉमर्स कंपनियों को लाक डाउन टू के दौरान वापस ली गई छूट का कड़ाई से पालन करेंगे।

इसके साथ ही साथ स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को कड़ा किए जाने का भी स्वागत किया है। मंच ने हॉन्ग कॉन्ग मकाउ, सिंगापुर आदि देशों के माध्यम से आने वाले चीनी निवेश को रोकने के लिए भी इसी तरह के कड़े प्रावधान की मांग की है।

‘जूम’ऐप की तरह टिक टॉक और हेलो ऐप पर कार्रवाई की मांग

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन बैठकें आयोजित कराने वाले ऐप जूम के खिलाफ गृह मंत्रालय द्वारा की गई कार्यवाही का स्वदेशी जागरण मंच ने स्वागत किया है। मालूम हो कि जूम ऐप का सरवर चीन में केंद्रित है। इसे लेकर दुनिया भर के देशों में आलोचना होती रही है। आरोप है कि चीन की सरकार इस ऐप से सूचनाएं हासिल करती रही है। मंच का यह भी कहना है कि संदिग्ध जूम ऐप की तर्ज पर हेलो और टिक टॉक जैसे चाइनीज ऐप पर भी जांच होनी चाहिए। इन एप्स पर भी शिकायतों की एक लंबी सूची है। इन पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने सांप्रदायिक व सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले तथ्यों को फैलाने का आरोप है। आरोप है कि चीन की सरकार इनके डाटा का भी अपने हिसाब से दुरुपयोग करती रही है।

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OUTLOOK 20 April, 2020
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