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09 April 2019

अनिल अंबानी के केस में हेरफेर का आरोप, सुप्रीम कोर्ट के दो कर्मचारी गिरफ्तार

File Photo

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में हेरफेर करने वाले अदालत के दो पूर्व कर्मचारियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर अनिल अंबानी से जुड़े एक ऑर्डर में बदलाव करने का आरोप है। फिलहाल दोनों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। कारोबारी अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का ऑर्डर दिया गया था। आरोप है कि इन दोनों कर्मचारियों ने आदेश लिखते समय ‘नॉट’ शब्द को हटा दिया। इसके बाद ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था। यह बात सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच के ऑर्डर दिए थे, जिसमें दो कर्मचारियों की भूमिका सामने आई। दोनों को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 13 फरवरी को बर्खास्त कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार ने की थी शिकायत

सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार की शिकायत पर 1 मार्च को दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। उसने आरोपी कर्मचारी पूर्व असिस्टेंट रजिस्ट्रार मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवर्ती को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल दोनों कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर में किसके कहने पर हेरफेर की। सात दिन की रिमांड में क्राइम ब्रांच यह भी पता करने की कोशिश करेगा कि इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं। इसके बदले कोई लेन-देन तो नहीं हुआ। दोनों कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट की इंटरनल जांच में दोषी पाए गए थे।

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चूक की तरफ ध्यान दिलाने पर जोड़ा ‘नॉट’

असिस्टेंट रजिस्ट्रार रहे मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवर्ती कोर्ट मास्टर थे। इनकी ओपन कोर्ट या जजों के चैंबर्स में दिए गए सभी फैसलों को लिखने में अहम भूमिका थी। एरिक्सन इंडिया 550 करोड़ बकाये के लिए अनिल अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ कोर्ट पहुंची थी। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस विनीत शरण ने अनिल अंबानी को कोर्ट की सुनवाई के दौरान निजी तौर पर मौजूद रहने का ऑर्डर दिया था। 7 जनवरी को कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड आदेश में लिखा था, ‘कथित अवमानना करने वाले की निजी मौजूदगी को खारिज कर दिया गया है।’ एरिक्सन के वकीलों ने 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट का ध्यान ऑर्डर में चूक की तरफ दिलाया तो फिर उसे संशोधित कर ‘नॉट’ शब्द जोड़ा गया।

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TAGS: Delhi court, two supreme court staffers, wrong info on website
OUTLOOK 09 April, 2019
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