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31 January 2018

दलित उद्यमियों के लिए आंबेडकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स

‘‘दलित उत्थान की बात अक्सर होती है, लेकिन आर्थिक और सामाजिक विकास के बिना दलित उत्थान की बात करना बेमानी है,’’ सोशल जस्टिस और एमपॉवरमेंट राज्यमंत्री रामदास बंदू आठवले ने दलित उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए को डॉ आंबेडकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में कहीं।

बजट की पूर्वसंध्या पर सभी की निगाहें कल आने वाले बजट पर लगी हुई हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के बीच अब उद्यमिता की बात भी होने लगी है। लेकिन उद्यमी बनने के लिए दलितों को अभी बहुत से कदम चलना बाकी हैं। व्यापार जगत में दलित भी सामान्य श्रेणी के लोगों के बीच कदमताल कर सकें इसके लिए फोरम ऑफ एससी एंड एसटी लेजिस्लेटरर्स एंड पार्लियामेंट्रियंस के बैनर तले डॉ आंबेडकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स (डीएसीसी) की नीव रखी गई है।

इस चैम्बर के जरिये दलित एवं आदिवासी समुदाय के लोगों को उद्यमी बनाने के लिए पूरी तरह मदद की जाएगी। चैम्बर का मानना है कि दलित उत्थान तब तक नहीं हो सकता जब तक वह शिक्षित हो कर बिजनेस क्लास में अपनी जगह न बना ले।  

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चैम्बर के जरिये दलितों और आदिवासी समाज को लघु उद्योग शुरू करने के लिए फंड और सरकारी ऋण संबंधी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। चैम्बर से जुड़े सदस्यों का मानना है कि जानकारी के अभाव में ही कई बार दलित योग्यता होते हुए भी पिछड़ जाते हैं। उनके रास्ते में आने वाली हर रुकावटों को दूर करने की कोशिश की जाएगी। दलित एवं आदिवासी समुदाय में छिपे हुनर को मौका और मंच दिया जायेगा साथ ही सरकार को समय-समय पर नीतियों में संशोधन करने के लिए मशवरा दिया जाएगा।

सोशल जस्टिस और एम्पावरमेंट राज्यमंत्री रामदास बंदू आठवले ने दलित डॉ आंबेडकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स को सरकार की तरफ से पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया है। आठवले ने कहा, ‘‘कोई भी काम छोटा नहीं होता सिर्फ सोच बड़ी रखनी चाहिए। सकारात्मक सोच और जुनून से दलित अपनी आर्थिक स्थिति बदल सकते हैं।’’ उन्होंने इस संबध में सभी को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ लेने के लिए भी प्रेरित किया।  

डॉ आंबेडकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स का उद्देश्य है कि अनुसूचित जाति और जनजाति  के लोगें के लिए दस इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाए। साथ ही उनके लिए अलग से कौशल परिषद का निर्माण हो। चैम्बर का मानना है कि सुदूर क्षेत्रों में सुविधाएं नहीं पहुंचती इसलिए उत्तर-पूर्व और लद्दाख क्षेत्र में उद्यमिता के लिए अलग राष्ट्रीय नीतियां होनी चाहिए। भारत में उद्यमी स्कूलों की स्थापना होनी चाहिए और निविदा प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए वित्तीय ट्रस्ट बनाए जाने जाहिए। पूंजी की कमी से जूझना न पड़े इसके लिए नए इक्विटी फंड ट्रस्ट की स्थापना हो तो दलितों को मौके सुलभ होंगे। अनुसूचित जाति और जनजातीय उत्पादकों / निर्माताओं को आगे लाने के लिए उन्हें पदोन्नत भी किया जाए।

संसद के पूर्व सदस्य और दक्षिण भारत के प्रमुख बिजनेसमेन डॉ जी के विवेकानंद (तेलंगाना सरकार के सलाहकार) को डॉ आंबेडकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स का नया अध्यक्ष चुना गया है। इंदर इकबाल सिंह अटवाल को महानिदेशक प्रसाद दहपूत अतिरिक्त महानिदेशक की भूमिका में रहेंगे। 

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TAGS: Dr. ambedkar chamber of commerce, DACC, ramdas athawale, डॉ. आंबेडकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स, डीएसीसी, रामदास आठवले
OUTLOOK 31 January, 2018
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