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26 March 2018

वित्त मंत्रालय का दावा, 2025 तक दोगुनी होकर 5,000 अरब डॉलर की हो जाएगी अर्थव्यवस्था

file photo

वित्त मंत्रालय ने आज दावा किया कि कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुनी होकर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर कोई खतरा नहीं है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक उद्योग संघ सम्मेलन में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि देश सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की ओर अग्रसर है। स्टार्ट अप, एमएसएमई तथा बुनियादी ढांचा निवेश पर ध्यान दिए जाने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार और तेज की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह सोचना काफी उचित होगा कि यदि अर्थव्यवस्था अगले 7-8 साल तक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है और मांग का सृजन होता है तो हम 2025 तक अर्थव्यवस्था के आकार को 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचा सकेंगे और यह एक उचित लक्ष्य है।

फिलहाल भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार 2,500 अरब डॉलर है और यह दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मुद्रास्फीति के बारे में गर्ग ने कहा कि यह काफी हद तक रिजर्व बैंक के लक्ष्य चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 2.48 प्रतिशत पर आ गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में चार महीने के निचले स्तर 4.44 प्रतिशत पर रही है। रिजर्व बैंक ने अपनी फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।

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अप्रैल से सितंबर के दौरान सरकार लेगी 2.88 लाख करोड़ रुपये की उधारी

केंद्र सरकार अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान 2.88 लाख करोड़ रुपये की उधारी लेगी, जो कि बजट में सकल उधार का 47.56 फीसद हिस्सा है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर की अवधि में सकल उधारी 3.72 लाख करोड़ रुपये की थी। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार सीपीआई या खुदरा मुद्रास्फीति आधारित इंफ्लेशन इनडेक्स बॉऩ्ड जारी करेगी। इसके साथ ही एक से चार साल की अवधि वाली सरकारी प्रतिभूतियां भी पेश की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जी-सेक के माध्यम से बजट में सकल उधार 6.05 लाख करोड़ रुपये का था जिसका उपयोग जीडीपी के 3.3 फीसदी के राजकोषीय घाटे की निधि के लिए किया जाएगा। गर्ग ने बताया कि हमें पूरा विश्वास है कि ओवर ड्राफ्ट का सहारा लिए बगैर हम सभी खर्चों को पूरा करने में सक्षम होंगे।

अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में 47.56 फीसदी की बजटीय उधारी पिछले पांच सालों में 60-65 फीसदी की औसत से कम है। गर्ग ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में जी-सेक बॉयबैक में 25,000 करोड़ की कमी लाई जाएगी। इसके अलावा, सरकार नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (एनएसएसएफ) से एक लाख करोड़ रुपये की निकासी करेगी। राजकोषीय घाटे को निधि देने के लिए चालू वित्त वर्ष की तुलना में 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

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TAGS: India, Economy, doubling, 5 trillion, by 2025, finance, ministry
OUTLOOK 26 March, 2018
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