यूपी,बिहार,एमपी में विस्तार करेगा ईसैफ फाइनेंस बैंक
कोविड साये के बीच अनलॉक से सामान्य होने के दौर में, अब बैंक भी अपना विस्तार कर रहे हैं। ईसैफ स्मॉल फाइनेंस बैंक उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में अपनी पहुंच बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। बैंक इस साल करीब 70 नई शाखाएं खोलने जा रहा है। जिसमें उसका ज्यादा से ज्यादा जोर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों पर है। बैंक की इस समय देश में 460 शाखाएं हैं।
बैंक की विस्तार योजनाओं और कोविड दौर में बिजनेस के असर पर ईसैफ के मैनेजिंग डायरेक्टर के.पॉल थामस का कहना है, हम 2004 से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में और उसके बाद 2007 में झारखंड, बिहार, बंगाल, पूर्वोत्तर भारत में असम, त्रिपुरा में माइक्रोफाइनेंस बिजनेस में है। स्मॉल फाइनेंस बैंक बनने के बाद से हम तेजी से विस्तार कर रहे हैं। इसी कड़ी में बैंक का उत्तर भारत के राज्यों में विस्तार पर जोर है।
कोविड संकट में रिकवरी के संकेत
थामस का कहना है कि कोविड की वजह से कुछ समय तक बिजनेस पर काफी असर पड़ा था। मई तक तो लोन रिकवरी जैसी चीजें ठप सी हो गईं थी। लेकिन अब सुधार होता दिख रहा है। लोन मोरेटोरियम की सुविधा हमारे ग्राहकों ने भी ली थी। लेकिन जून-जुलाई के बाद पेमेंट में सुधार होने लगा। कुछ ग्राहकों ने 31 अगस्त तक लोन मोरेटोरियम की सुविधा ली हुई थी। हालांकि इस दौरान भी बैंक ने 900 करोड़ रुपये के डिपॉजिट जुटाए हैं। इसके अलावा गोल्ड लोन बिजनेस भी 160 करोड़ रुपये से बढ़कर 276 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। बैंक के इस समय 17 राज्यों में 40 लाख से ज्यादा ग्राहक हैं। इस समय बैंक 22 फीसदी की ब्याज दर पर माइक्रो फाइनेंस और 9.9-12 फीसदी के ब्याज पर गोल्ड लोन दे रहा है। इसी तरह माइक्रोफाइनेंस बिजनेस मार्च 6300 करोड़ रुपये से बढ़कर 6690 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
उत्तर भारत में कलेक्शन बढ़ा
रिकवरी को समझाते हुए थामस कहते हैं कि एमपी, यूपी, छत्तीसगढ़ में 80 फीसदी तक कलेक्शन शुरू हो गया है। जबकि दक्षिण भारत में 60 फीसदी तक कलेक्शन फिर से शुरू हो गया है। इससे साफ है कि ग्राहक अब धीरे-धीरे सामान्य परिस्थितियों की ओर लौट रहे हैं।
कोविड केयर लोन
बैंक ने छोटे कारोबारियों के लिए कोविड केयर लोन की शुरूआत की है। स्कीम के तहत कारोबारियों को लोन चुकाने के लिए 4 महीने का मोरेटेरियम मिलता है। इस सुविधा का फायदा यह है कि छोटे कारोबारियों को अपने बिजनेस के लिए आपातकालीन फंड मिल जाता है।