निर्यात बढ़ाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का पैकेज, जनवरी से लागू होगी नई स्कीम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात बढ़ाने के लिए शनिवार को 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। निर्यातकों को अधिक कर्ज मिल सके, इसके लिए प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग के नियमों में संशोधन किया गया है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) रिफंड देने के लिए पूरी तरह ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह इस महीने के अंत तक लागू हो जाएगा। यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब अगस्त में निर्यात 6.05% गिरकर 26.13 अरब डॉलर रह गया।
निर्यात बढ़ाने के लिए नई स्कीम
वित्त मंत्री ने निर्यातकों के लिए नई स्कीम की घोषणा की। इसका नाम “रेमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट” रखा गया है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को करीब 50,000 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होगा। टेक्सटाइल और दूसरे सेक्टर को अभी एमईआईएस और दूसरी स्कीमों के तहत इन्सेंटिव मिलता है। नई स्कीम जनवरी 2020 से लागू होगी। पुरानी सभी स्कीमें नई स्कीम में समाहित हो जाएंगी। हालांकि मौजूदा स्कीमों के तहत सरकार पहले ही 40-45 हजार करोड़ रुपये के रिफंड दे रही है।
प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग के नियमों में संशोधन
सरकार निर्यातकों के लिए प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग के नियमों में भी संशोधन कर रही है। इससे उन्हें 36,000 करोड़ रुपये से 68,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग मिल सकेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक इसके दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के तहत गठित वर्किंग ग्रुप एक्सपोर्ट फाइनेंस पर नजर रखेगा।
एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम की सीमा बढ़ेगी
एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी) एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम की सीमा बढ़ाएगा। इस स्कीम में सरकार बैंकों को निर्यातकों को दिए जाने वाले कर्ज पर बीमा उपलब्ध कराती है। अब बीमा कवर बढ़ाने का फैसला हुआ है। इससे एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात कर्ज सस्ता होगा। सरकार को इससे 1,700 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अंदेशा है।
दुबई की तर्ज पर शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे
दुबई शॉपिंग फेस्टिवल की तर्ज पर भारत में भी फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे। ये चार अलग-अलग जगहों पर होंगे। इनकी थीम जेम्स एवं ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट-योग-टूरिज्म, टेक्सटाइल और लेदर होगी। वित्त मंत्री ने बताया कि निर्यातकों की मदद के लिए एफटीए यूटिलाइजेशन मिशन का गठन किया जाएगा।
टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने जताई नाराजगी
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के चेयरमैन संजय जैन ने कहा, लगता है सरकार ने इस बार भी टेक्सटाइल और कॉटन यार्न सेक्टर को छोड़ दिया है। नई स्कीम में वही सेगमेंट आएंगे जो पहले से एमईआईएस में आते हैं। इस साल 7 मार्च को अपैरल के लिए नई स्कीम की घोषणा की गई थी, उसका कोई जिक्र नहीं है।