जीडीपी डेटा पर बोले जेटली, कांग्रेस ने पहले की थी तारीफ अब कर रही विरोध
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नई सीरीज के जीडीपी डेटा (सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े) जारी होने पर कांग्रेस की तरफ से हो रहे हमलों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी विरोधाभासी बातें कर रही है। उन्होंने कहा कि जब नए मापदंडों पर जीडीपी डेटा के नए सीरीज की शुरुआत हुई तो यूपीए सरकार के आखिर दो वर्ष भी दायरे में आए थे। तब दोनों वर्षों में पहले के मुकाबले जीडीपी डेटा में वृद्धि की गई थी। उस वक्त कांग्रेस पार्टी ने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा था कि उसकी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त गति पकड़ी। अब जब इसी पैमाने पर उसके पूरे कार्यकाल का आकलन किया जा रहा है तो कांग्रेस के नेता उसी पर सवाल उठा रहे हैं, जिसकी कभी उन्होंने तारीफ की थी।
नई पद्धति वैश्विक मापदंडों पर आधारित: जेटली
वित्त मंत्री ने कहा कि जीडीपी के आकलन का नए मानदंडों में उन सभी कारकों को शामिल किया गया है जो विश्वस्तरीय हैं। उन्होंने कहा कि अब जीडीपी डेटा जुटाने का तरीका ग्लोबल स्टैंडर्ड पर आधारित है। जेटली ने कहा, 'जीडीपी डेटा के नए सीरीज का आकलन विश्व के सबसे अच्छे मापदंड के मुताबिक किया गया है।'
उन्होंने कहा, ‘CSO ने फरवरी 2015 में नए फॉर्म्युले पर जीडीपी सीरीज को बनाया था। नई सीरीज में विश्व के सबसे अच्छे मापदंडों को शुमार किया गया था। तब से लेकर आज तक नई जीडीपी सीरीज लागू है। उस वक्त जब यह लागू हुआ था, तो यूपीए के दो अंतिम साल बचे थे। उन दो साल की जीडीपी इस सीरीज के तहत आई। तब नई सीरीज में जीडीपी ग्रोथ ऊपर कर दी गई थी। यह यूपीए के लिए यह गर्व का विषय था और इसका स्वागत किया गया।‘
हुए थे दो बड़े बदलाव
दरअसल, मोदी सरकार ने फरवरी 2015 में जीडीपी के आकलन की पद्धति में दो प्रमुख बदलावों का ऐलान किया था। इसके तहत, जीडीपी आकलन का बेस इयर 2004-05 से बदलकर 2011-12 कर दिया गया। साथ ही, इसे कीमतों को प्रभावित करने वाले कारकों की जगह बाजार मूल्यों को जीडीपी आकलन का आधार बनाया गया। नए सीरीज के तहत पहली बार वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2014-15 के जीडीपी का आकलन हुआ, जिसका जिक्र वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने स्पष्टीकरण में किया।
एक ही स्केल पर जीडीपी की तुलना का मकसद: जेटली
वित्त मंत्री ने कहा कि फरवरी 2015 से यही सीरीज लागू है और जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की पद्धति पर आधारित है। उन्होंने कहा, 'जो पद्धति 2012 से लागू होगी, स्वाभाविक है कि सीएसओ (केंद्रीय सांख्यिकी संगठन) इसे 2004 से भी लागू करेगा। सीएसओ ने उसे अब 2004 से लागू किया है, ताकि एक ही स्केल पर देश की जीडीपी की तुलना की जा सके।' उन्होंने कहा कि जीडीपी का आकलन आंकड़ों एवं तथ्यों के आधार पर होता है, धारणा और अनुमानों के आधार पर नहीं।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया गैरजिम्मेदाराना: जेटली
वित्त मंत्री ने कहा सीएसओ एक प्रतिष्ठित संस्था है और वह किसी के इशारे पर नहीं, आंकड़ों और पद्धतियों पर काम करती है। जेटली ने कहा कि अब 2004 से लेकर 2018 तक अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति क्या थी, यह स्पष्ट हो रहा है। इसके लिए एक ही मापदंड अपनाया गया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया गैरजिम्मेदाराना है।
चिदंबरम ने कहा था 'घटिया मजाक'
दरअसल, बुधवार को 2004 से 2012 तक नई सीरीज का जीडीपी डेटा जारी किया गया जब यूपीए का शासन था। नई सीरीज के जीडीपी आंकड़ों में यूपीए के 10 साल के कार्यकाल के अधिकांश वर्षों के दौरान जीडीपी में वृद्धि दर के आंकड़ें घट गए हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी ताजा समायोजित आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही थी। जबकि इसके पहले 10.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। इसी तरह 2009 में जीडीपी दर 3.9 प्रतिशत थी, जो नए आंकड़ों के मुताबिक 3.1 प्रतिशत थी। इस पर कांग्रेस पार्टी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई। यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने इसे घटिया मजाक तक कह दिया।