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13 January 2019

नया नियम, अब ये लोग आपसे नहीं ले पाएंगे जीएसटी

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सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिसके तहत गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की कंपोजीशन (एकमुश्त टैक्स) योजना के तहत पंजीकृत विक्रेता अपने ग्राहक से वस्तु या सेवा पर टैक्स नहीं ले सकेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाला राजस्व विभाग इसके लिए ऐसी इकाइयों को बिल पर अपने जीएसटी पंजीकरण की स्थिति को अंकित करना अनिवार्य करने की योजना तैयार कर रहा है ताकि वे खरीददार से कर न ले सकें।

गड़बड़ी की शिकायतें

एक अधिकारी ने कहा कि अभी एकमुश्त योजना में पंजीकृत बहुत सी छोटी इकाइयां ग्राहकों से टैक्स तो वसूल लेती हैं पर उसे सरकार के खजाने में जमा नहीं कराती। अधिकारी के अनुसार बाजार में अभी यह गड़बड़ी खूब चल रही है। पर इस उपाय को लागू किए जाने से इस पर रोक लगेगी।

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क्या है कंपोजीशन योजना?

अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग इस बात का प्रचार कराने की योजना भी बना रहा है कि कंपोजीशन योजना का लाभ ले रहीं इकाइयां ग्राहकों से जीएसटी नहीं वसूल सकती। इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों और विनिर्माताओं को गुड्स की बिक्री पर एक प्रतिशत की दर से जीएसटी जमा कराना होता है, जबकि उत्पादों पर जीएसटी की सामान्य दरें 5, 12 या 18 प्रतिशत हैं। पर उन्हें ग्राहक से जीएसटी काटने का अधिकार नहीं है।

जीएसटी के तहत कुल पंजीकृत इकाइयों की संख्या 1.17 करोड़ हैं। इनमें से करीब 20 लाख ने कंपोजीशन योजना अपनाने का विकल्प चुना है। अधिकारी ने कहा, 'सरकार को पता लग रहा है कि कंपोजीशन योजना में पंजीकृत डीलरों में से बहुत से डीलर ग्राहकों से ऊंची दर पर जीएसटी काट रहे हैं पर उसे सरकार को नहीं दे रहे हैं। अब ऐसे डीलरों के लिए बिलों पर यह अंकित कराना अनिवार्य होगा कि वे कंपोजीशन योजना के तहत आते हैं और उन्हें जीएसटी नहीं काटना है। इसके साथ-साथ सरकार उपभोक्तओं को भी जागरूक करेगी कि कंपोजीशन योजना के तहत आने वाले किसी भी डीलर से खरीद करते समय वे जीएसटी न चुकाएं।'

10 जनवरी को कंपोजीशन योजना पर हुआ फैसला

सरकार ने छोटी इकाइयों पर जीएसटी के अनुपालन का काम आसान करने के लिए व्यापार और विनिर्माण में लगी ऐसी इकाइयों के लिए 1 प्रतिशत की दर वाली कंपोजीशन योजना लागू की है। यह सुविधा सालाना 1 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकायों पर लागू है। अप्रैल से यह सीमा बढ़ा कर 1.5 करोड़ रुपये कर दी जाएगी।

जीएसटी परिषद की 10 जनवरी की बैठक में सालाना 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाली सेवाप्रदाता इकाइयों को भी कंपोजीशन योजना का विकल्प अपनाने की छूट देने का निर्णय किया गया है।

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TAGS: finance minister, gst, buyers, composition scheme
OUTLOOK 13 January, 2019
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