हाउसिंग के लिए 10,000 करोड़ का पैकेज, सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा सस्ता कर्ज
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को 10,000 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। इस रकम से अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए विशेष फंड बनाया जाएगा। फंड में इतनी ही रकम एलआईसी और दूसरी संस्थाओं से मिलने की उम्मीद है। सरकारी कर्मचारियों को नया घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से हाउस बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर घटाई जाएगी, और इसे 10 साल वाले सरकारी बांड पर ब्याज से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए विदेश से कर्ज जुटाने के नियम आसान किए गए हैं।
रुके हुए अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट को फंडिंग
हाउसिंग सेक्टर, खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए वित्त मंत्री ने 10,000 करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाने की घोषणा की। फंड में इतनी ही रकम एलआईसी और दूसरे संस्थानों से आने का अनुमान है। इससे रुके हुए प्रोजेक्ट को जल्दी पूरा करने में मदद मिलेगी। हालांकि जो प्रोजेक्ट एनपीए बन चुके हैं या जिनके मामले एनसीएलटी में चल रहे हैं, उन्हें इस कोष से फंडिंग नहीं मिलेगी। इस फंड को हाउसिंग और बैंकिंग सेक्टर के विशेषज्ञ चलाएंगे। सीतारमण ने कहा कि इससे करीब 3.5 लाख घर खरीदारों को फायदा मिलेगा।
एक महीने में तीसरी बार पैकेज का ऐलान
अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी पर आ जाने के बाद सरकार ने तीसरी बार राहत पैकेज का ऐलान किया है। घरेलू मांग, निजी खपत और निवेश तीनों में गिरावट का रुख है। रिजर्व बैंक ने इस साल जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। कई रेटिंग एजेंसियों और रिसर्च फर्मों ने 2019-20 में 6.5 से 7 फीसदी विकास दर का अनुमान जताया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में रिवाइवल के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। एनबीएफसी को कर्ज बढ़ाने के लिए जो उपाय किए गए थे, उनके नतीजे दिखने लगे हैं। कई एनबीएफसी को इनका लाभ मिला है। वित्त मंत्री ने बताया कि 20 सितंबर को गोवा में जीएसटी काउंसिल की बैठक से एक दिन पहले वह सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगी। इसमें कर्ज प्रवाह पर चर्चा होगी।
इससे पहले सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा के उपायों के साथ कैपिटल गेन्स टैक्स पर बढ़ा हुआ सरचार्ज वापस लेने और एनबीएफसी को लिक्विडिटी बढ़ाने का ऐलान किया था। इसके अलावा 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की भी घोषणा हुई है।