एमएसएमई के लिए कर्ज पर ब्याज में छूट की स्कीम की अवधि बढ़ेगी, फंड ऑफ फंड्स भी बनेगा
सरकार ने एमएसएमई के लिए कर्ज पर ब्याज में छूट की स्कीम की अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। इस स्कीम के तहत जीएसटी में रजिस्टर्ड सभी एमएसएमई इकाइयां नए (इंक्रीमेंटल) कर्ज पर 2 फ़ीसदी सब्सिडी का लाभ ले सकती हैं। स्कीम की अवधि 31 मार्च 2020 तक थी। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी अवधि बढ़ाने की जानकारी दी। हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।
10,000 करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड्स बनेगा
गडकरी ने कहा कि सरकार जल्दी ही एमएसएमई के लिए 10,000 करोड़ रुपए के फंड ऑफ फंड्स को मंजूरी देने वाली है। इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की स्वीकृति मिल गई है। अब्रिटेन इसे जल्दी ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सालाना टर्नओवर, निर्यात और जीएसटी भुगतान के आधार पर एमएसएमई की क्रेडिट रेटिंग का नया तरीका तैयार किया जा रहा है। सरकार ट्रिपल ए रेटिंग वाली कंपनियों को फंड आफ फंड्स से मदद करना चाहती है। उन्होंने बताया कि ट्रिपल ए रेटिंग वाली एमएसएमई पूंजी बाजार से जो रकम जुटाएगी उसका 15 फ़ीसदी हिस्सा सरकार इस फंड से इक्विटी के रूप में उपलब्ध कराएगी।
एमएसएमई की परिभाषा भी बदलेगी
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एमएसएमई की परिभाषा बदलने जा रही है। इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा। सरकार ने 2018 में एमएसएमई के वर्गीकरण का तरीका बदला था। तब इसे प्लांट एवं मशीनरी में निवेश की जगह सालाना टर्नओवर किया गया था। इस परिभाषा के मुताबिक 5 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर तक की कंपनी को माइक्रो, 5 से 75 करोड़ रुपए टर्नओवर वाली कंपनी को छोटी और 75 से 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनी को मझोली की श्रेणी में रखा गया। यंग प्रेसिडेंट ऑर्गेनाइजेशन के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करते हुए गडकरी ने कहा कि अमेरिका और जापान जैसी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चीन से अपना निवेश निकाल रही हैं। यह भारत के लिए अच्छा मौका है।