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19 January 2017

उत्तराखंड में दावोस जैसा शहर बसाना चाहते हैं गडकरी

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स्विटजरलैंड के बर्फ से ढके दावोस शहर में इस बैठक के लिए शून्य से कम तापमान पर देश-दुनिया के 3,000 से अधिक राजनेता, उद्योगपति, नीति निर्माता और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि यहां जुटे हैं। गडकरी भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे हैं। गडकरी ने मेक इन इंडिया परिसर में यहां पीटीआई-भाषा के साथ एक खास बातचीत में कहा कि भारत में दावोस जैसा शहर बसाना पूरी तरह संभव है जिसमें होटल, दुकानें और सम्मेलन केंद्र हों। यह पूरा काम पर्यावरण और अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए किया जा सकता है। ऐसे शहर में विश्व आर्थिक मंच जैसे सम्मेलनों का आयोजन भी हो सकेगा। इससे पर्यटन के साथ साथ रोजगार और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

गडकरी ने कहा कि मैं जब यहां पहुंचा, मेरे दिमाग में एक विचार आया, हालांकि, इस पर काम अभी शुरू होना है। हम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाली 1,000 किलोमीटर नई सड़कें बना रहे हैं। इस पर 12,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ये सड़कें हर मौसम में इस्तेमाल हो सकेंगी। इसमें कई पुल, सुरंगें और काफी कुछ होगा जो कि ऐतिहासिक काम होगा।

उन्होंने कहा कि  इसके साथ ही पिथौरागढ़ क्षेत्राहै जहां हम मानसरोवर के लिए सड़क बना रहे हैं। इसके लिए हम एमआईजी-17 के जरिये आस्टेलियाई मशीनें पहुंचा रहे हैं, कुछ काम हो चुका है, करीब 50 प्रतिशत। इस स्थान पर 5 से 6 डिग्री तापमान है।

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गडकरी ने कहा कि  हम रेगिस्तानी इलाके में ताजमहल बना सकते हैं। इसके लिए एक दृष्टि चाहिए, त्वरित निर्णय प्रक्रिया, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली होनी चाहिये। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण चीज है समाज और देश की प्रतिबद्धता होनी चाहिए। मेरे देश को भी इस तरह की सुविधा की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि दावोस आने के बाद मैंने सोचा कि हिमालयी क्षेत्र में हम इस तरह का शहर क्यों नहीं बसा सकते हैं। शून्य से नीचे तापमान में लोग आएं, वहां होटल और पर्यटन की तमाम सुविधाएं हों और वहां से लोग मानसरोवर भी जा सकेंगे। गडकरी ने कहा कि  इसी प्रकार हम यमुना नदी के साथ एक दीवार के साथ दिल्ली से यमुनानगर के बीच राजमार्ग का निर्माण कर सकते हैं। इस परियोजना के लिए अध्ययन चल रहा है। इसके बन जाने पर दिल्ली से उत्तराखंड और हिमाचल जाना आसान होगा और मौजूदा रास्तों पर यातायात का बोझ कम होगा।

गडकरी ने पर्यावरण सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि  हमें समेकित रवैया अपनाना चाहिए। किसी भी मामले में अति वाली बात नहीं होनी चाहिए, यह देश के लिए ठीक नहीं है। भारत जैसे विकासशील देश में पर्यावरण और विकास दोनों को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में छोटा-मोटा निर्माण करने को लेकर भी विरोध हो सकता है। इसलिए इस मामले में हर बात को ध्यान में रखने की जरूरत है। पर्यावरण मंत्रालय से लेकर, पर्यावरणविद, पर्यटन मंत्रालय, सड़क मंत्रालय और सभी संबद्ध पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।

 

गडकरी ने कहा कि यहां दावोस में कई होटल हैं। यहां भी पेड़ों को काटा गया होगा। ऐसे में आपको एक पेड़ के लिए दस पेड़ लगाने होंगे। हम गरीब जनता वाले एक संसाधन संपन्न देश हैं। हम दुनिया में सबसे आकर्षक पर्यटक स्थल बन सकते हैं। (एजेंसी)

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TAGS: गडकरी, दावोस, उत्तराखंड, डब्ल्यूईएफ, हिमालयी
OUTLOOK 19 January, 2017
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