सरकार ने 2017-18 में जीएसटी से जुटाए 7.41 लाख करोड़ रुपये
एक देश एक कर की तर्ज पर एक जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार ने 2017-18 के दौरान 7.41 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्यों के क्रमश: उत्पाद शुल्क एवं वैट सहित बहुत से कर जीएसटी में समा गए हैं।
Including the collection of July, 2017, the total GST Collections during the Financial Year 2017-18 stands provisionally at Rs. 7.41 Lakh Crore.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 27, 2018
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा कि जीएसटी से 2017-18 की अगस्त - मार्च अवधि में कुल कर संग्रह 7.19 लाख करोड़ रुपये रहा। जुलाई 2017 के कर संग्रह को शामिल करने पर 2017-18 में कुल जीएसटी संग्रह अस्थायी तौर पर 7.41 लाख करोड़ रुपये रहा।
इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) से प्राप्त 1.19 लाख करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) से मिले 1.72 लाख करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के 3.66 लाख करोड़ रुपये (जिसमें आयात से 1.73 लाख करोड़ रुपये भी शामिल) और उपकर से प्राप्त 62,021 करोड़ रुपये (जिसमें आयात पर उपकर के 5,702 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
During the year 2017-18, total Revenue Collections under GST in the period between August 2017 and March 2018 has been Rs. 7.19 Lakh Crore .
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 27, 2018
अगस्त-मार्च अवधि के दौरान औसत मासिक जीएसटी संग्रह 89,885 करोड़ रुपये रहा। 2017-18 के आठ महीनों में राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 41,147 करोड़ रुपये दिए गए हैं । जीएसटी कानून के तहत इस नई कर व्यवस्था के कारण पांच साल तक राज्यों के राजस्व में गिरावट की भरपाई केंद्र करेगी। इसके लिए विलासिता और अहितकर उपभोक्ता वस्तुओं पर विशेष उपकर लागू किया गया है। राजस्व हानि की गणना के लिए 2015-16 की कर आय को आधार बनाते हुए उसमें सालना औसत 14 प्रतिशत की वृद्धि को सामान्य संग्रह माना गया है।
मंत्रालय के मुताबिक पिछले आठ महीने में प्रत्येक राज्य के राजस्व में कम घटी है और यह औसतन 17 प्रतिशत रही है।