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05 January 2018

2017-18 में जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान

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भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर चार साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच सकती है। जीडीपी ग्रोथ रेट 2017-18 में 6.5 प्रतिशत के साथ चार साल के निम्नतम स्तर पर रहने की उम्मीद जताई गई है। मुख्य रूप से कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के तहत यह सबसे कम है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केन्द्र सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान जीडीपी विकास दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान है। जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी के स्तर पर थी।

सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (CSO) के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2016-17 में 7.1 प्रतिशत और इससे पिछले वर्ष में 8 प्रतिशत था। 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत था।

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इसके अलावा नए आंकड़े में साल 2017-18 के लिए जीवीए यानी ग्रॉस वैल्यू ऐडेड का अनुमान भी घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया गया है। पहले आरबीआई ने साल 2017-18 के लिए जीवीए के 6.7 होने का अनुमान लगाया था।

माना जा रहा है कि 8 नवंबर 2016 को घोषित नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा वहीं चालू वित्त वर्ष में 1 जुलाई से जीएसटी भी लागू किया गया।

इसके अलावा कृषि (एग्रीकल्चर, फोरेस्ट्री और फिशिंग) की ग्रोथ घटकर 2.11% रहने का अनुमान है, जबकि 2016-17 में यह ग्रोथ 4.9 फीसदी रही थी।

 

 

 

 

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TAGS: Growth in GDP, 2017-18, 6.5%, growth rate of 7.1% in 2016-17
OUTLOOK 05 January, 2018
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