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24 January 2020

अस्थायी है भारत की आर्थिक सुस्ती, जल्द सुधार की उम्मीदः आइएमएफ प्रमुख

File Photo

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की अध्यक्ष क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने शुक्रवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती अस्थायी है और आने वाले कुछ महीनों में इसमें तेजी देखने को मिलेगी। दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच पर उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2019 में आईएमएफ ने जब अपने विश्व आर्थिक आउटलुक की घोषणा की थी तब की तुलना में जनवरी 2020 में दुनिया बेहतर स्थान पर है।

आइएमएफ अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी का कारण अमेरिका-चीन के बीच पहले चरण का व्यापार समझौता होने के बाद व्यापार तनाव में आई कमी तथा नीतिगत करों में लगातार कटौती है। हालांकि उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए 3.3 प्रतिशत का ग्रोथ रेट बहुत अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा,, 'अभी भी अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त है। हम चाहते हैं कि राजकोषीय नीतियां ज्यादा से ज्यादा आक्रामक हों और संरचनात्मक सुधारों में तेजी लाई जाए।' 

भारतीय बाजार में है सुस्ती

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क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, 'हम भारतीय बाजार में सुस्ती देख रहे हैं। उम्मीद है कि यह अस्थायी है। आने वाले समय में अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुधार होगा। इंडोनेशिया तथा वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाएं भी चमकते सितारे की तरह हैं।' आइएमएफ चीफ ने  कहा कि कुछ अफ्रीकी अर्थव्यवस्थाएं अच्छा कर रही हैं, जबकि मेक्सिको जैसे देश की अर्थव्यवस्था में कोई सुधार नहीं है।

कुछ घटनाएं पैदा कर रही हैं जोखिम

उन्होंने उत्पादकता की दीर्घकालिक वृद्धि में सुस्ती तथा निम्न मुद्रास्फीति को वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष उपस्थित हो सकने वाले जोखिमों को एक बताया। उन्होंने कहा, ‘हम पहले से अधिक जोखिमों वाले विश्व में जी रहे हैं। यह केवल जनवरी है और अभी ही ऐसी कुछ घटनाएं हो गई हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष जोखिम पैदा कर रही हैं।’

एजेंसियों ने ग्रोथ रेट में की है कटौती

बता दें कि हाल में दुनिया की रेटिंग एजेंसियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ रेट अनुमान में कटौती की है। आईएमएफ, यूनाइटेड नेशन, फिच सहित कई एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की आर्थिक विकास दर 5 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर घटकर 4.5 प्रतिशत रही है, जो पिछले साढ़े छह साल का निचला स्तर है। वहीं, पहली तिमाही में विकास दर महज 5 प्रतिशत रही थी।

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TAGS: Growth, Slowdown, India, Temporary, Expect, Momentum, Improve, IMF, Chief
OUTLOOK 24 January, 2020
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