GST रेट को लेकर PM मोदी के बयान के बाद आज काउंसिल की पहली बैठक, कई प्रोडक्ट्स हो सकते हैं सस्ते
पिछले दिनों जीएसटी रेट को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान के बाद शनिवार को होने वाली काउंसिल की पहली बैठक आमजन को राहत दे सकती है। ये बैठक वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में होगी। उम्मीद है कि इस बैठक में लग्जरी वस्तुओं और तंबाकू-सिगरेट को छोड़कर रोजमर्रा की सभी वस्तुओं को 18 फीसदी या उससे भी कम जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। जैसाकि पिछले दिनों पीएम मोदी ने अपने एक बयान में संकेत दिया था कि केंद्र सरकार 99% चीजों को जीएसटी के 18% कर स्लैब में लाने की दिशा में काम कर रही है।
रोजमर्रा की इन वस्तुओं में कंप्यूटर मॉनिटर, पावर बैंक, यूपीएस, ऑटोमोबाइल टायर, ए.सी, डिजिटल कैमरा, वॉशिंग मशीन और पानी का हीटर समेत अन्य हैं। इन वस्तुओं पर मौजूदा समय 28 फीसद जीएसटी लगता है जिन पर टैक्स कम होने की उम्मीद है।
28 फीसदी की स्लैब में अभी 35 उत्पाद
जानकारी के मुताबिक, जीएसटी की 28 फीसदी की स्लैब में अभी 35 उत्पाद हैं और इसमें 12-14 वस्तुओं को टैक्स स्लैब से बाहर लाया जा सकता है। इससे सरकार के राजस्व में 20 हजार करोड़ रुपये तक कमी की जा सकती है।
जीएसटी परिषद 68 सेंटीमीटर तक के कंप्यूटर मॉनीटर पर भी जीएसटी घटाया जा सकता है, जैसे जुलाई में टेलीविजन पर आकार के हिसाब से कर कम किया गया था। पॉवर बैंक भी 28 से 18 फीसदी के दायरे में आ सकते हैं।
पीएम मोदी ने दिया था ये बयान
प्रधानमंत्री ने मुंबई में एक रिपब्लिक समिट को संबोधित करते हुए कहा था, 'आज, जीएसटी व्यवस्था काफी हद तक स्थापित हो चुकी है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं, जहां 99 प्रतिशत चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत कर स्लैब में आएं।' उन्होंने संकेत दिया था कि जीएसटी का 28 प्रतिशत कर स्लैब केवल लक्जरी उत्पादों जैसी चुनिंदा वस्तुओं के लिए होगा।
'जीएसटी से पहले केवल 65 लाख उद्यम पंजीकृत थे, अब 55 लाख की वृद्धि हुई'
मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले केवल 65 लाख उद्यम पंजीकृत थे, जिसमें अब 55 लाख की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी के उपयोग वाली सभी वस्तुओं समेत 99 प्रतिशत उत्पादों को जीएसटी के 18 प्रतिशत या उससे कम कर स्लैब में रखा जाए।
'समय-समय पर बातचीत के बाद कर व्यवस्था में सुधार हो रहा है'
पीएम ने कहा, 'हमारा मानना है कि उद्यमों के लिए जीएसटी को अधिक से अधिक सरल किया जाना चाहिए। शुरुआती दिनों में जीएसटी अलग-अलग राज्यों में मौजूद वैट या उत्पाद शुल्क के आधार पर तैयार किया गया था। हालांकि समय-समय पर बातचीत के बाद कर व्यवस्था में सुधार हो रहा है।'
जीएसटी लागू होने से व्यापार में बाधाएं दूर हो रही हैं
मोदी ने कहा कि देश दशकों से जीएसटी की मांग कर रहा था। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जीएसटी लागू होने से व्यापार में बाधाएं दूर हो रही है और प्रणाली की दक्षता में सुधार हो रहा है। साथ ही अर्थव्यवस्था भी पारदर्शी हो रही है। भ्रष्टाचार पर बोलते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में भ्रष्टाचार को सामान्य मान लिया गया था। यह तो 'चलता है'। जब भी कोई आवाज उठाता था तो, सामने से आवाज आती थी 'यह भारत है'। यहां ऐसा ही चलता है। उन्होंने कहा कि जब कंपनियां कर्ज चुकाने में नाकाम रहतीं तो उनके और उनके मालिकों के साथ कुछ नहीं होता था। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ 'विशेष लोगों' द्वारा उन्हें जांच से सुरक्षा मिली हुई थी।