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24 December 2018

12 और 18% की जगह GST का आ सकता है नया स्टैंडर्ड स्लैब: अरुण जेटली

File Photo

मोदी सरकार की तरफ से नए साल से पहले आम आदमी को उपहार देने का सिलसिला जारी है। हाल ही में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दरों में कमी करने की घोषणा के बाद सोमवार को वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने एक फेसबुक ब्‍लॉग लिखकर जनता को बड़ी राहत देने के संकेत दिए हैं।

जेटली ने कहा कि देश में जीएसटी के 0, 5 और स्टैंडर्ड रेट टैक्स स्लैब होंगे। उन्होंने कहा है कि भविष्य में सरकार जीएसटी की सिंगल स्टैंडर्ड रेट लागू करने की दिशा में काम करेगी। ऐसा 12% और 18% टैक्स की स्लैब को हटाकर किया जाएगा। उन्‍होंने ये भी कहा कि आने वाले समय में 28 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब का वजूद नहीं रहेगा।

अरुण जेटली ने सोमवार को फेसबुक पर एक ब्लॉग में लिखा, 'भविष्य के रोडमैप के रूप में 12% और 18% की दो स्टैंडर्ड रेट की जगह एक सिंगल स्टैंडर्ड रेट को लागू करने की दिशा में काम किया जा सकता है। नया रेट दोनों (पुराने रेट) के बीच का होगा।' उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें थोड़ा समय लगेगा, जब टैक्स एक खास स्तर तक बढ़ जाएगा।

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जीएसटी के 18 महीने'  के शीर्षक वाले ब्लॉग में वित्त मंत्री ने कहा है कि 183 प्रोडक्ट्स पर टैक्स शून्य है। 308 प्रोडक्ट्स पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, 178 पर 12 फीसदी टैक्स है, जबकि 517 प्रोडक्ट्स 18 फीसदी टैक्स स्लैब में आते हैं। 28 फीसदी टैक्स स्लैब अब खत्म हो रहा है।

जीएसटी का सिर्फ एक स्टैंडर्ड रेट होना चाहिए: जेटली

जेटली ने कहा कि देश में जीएसटी का सिर्फ एक स्टैंडर्ड रेट होना चाहिए। ऐसे में जीएसटी का जीरो स्लैब, 5% का स्लैब और एक स्टैंडर्ड स्लैब होगा। सिर्फ लग्जरी वस्तुएं इसका अपवाद होंगी। अपने ब्लॉग में जेटली ने कहा कि तंबाकू, लग्जरी गाड़ियां, एसी, सोडा वाटर, बड़े टीवी और डिश वॉशर को छोड़कर 28 आइटम्स को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से हटाकर 18 और 12 फीसदी टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है।

सीमेंट पर कम होगा टैक्‍स

साथ ही, जेटली ने इस बात के भी संकेत दिए कि आने वाले दिनों में सीमेंट को जीएसटी के 28 फीसदी स्‍लैब से बाहर किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि अब आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाले सीमेंट और ऑटो पार्ट्स ही 28 फीसदी टैक्स स्लैब में बच गए हैं। हमारी अगली प्राथमिकता सीमेंट पर टैक्स कम करने की है। दूसरे सभी बिल्डिंग मैटेरियल पहले ही 28 फीसदी के स्‍लैब से बाहर हो चुके हैं और अभी 18 या 12 फीसदी स्‍लैब में हैं।'   

हमने टैक्स सिस्टम को सुधारा

जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा है कि हमारे यहां टैक्स सिस्टम खराब था, जो जीएसटी आने के बाद काफी सुधरा है। पहले राज्य और केंद्र के अलग-अलग टैक्स आमजन की कमर तोड़ रहे थे, अब वो राहत महसूस कर रहे हैं।

विपक्ष पर भी साधा निशाना

इसमें जेटली ने जीएसटी से पहले के दौर में 31 फीसदी तक ऊंचे टैक्स को लेकर विपक्ष पर निशाना भी साधा और आलोचनाओं का जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने 31% अप्रत्यक्ष कर के साथ भारत का उत्पीड़न किया और लगातार जीएसटी को नजरअंदाज किया, उन्हें गंभीरतापूर्वक आत्मावलोकन करना चाहिए।'

टैक्स कलेक्शन में हुई बढ़ोतरी

जेटली ने कहा कि पिछले साल की तुलना में जीएसटी से होने वाली कमाई काफी बढ़ गई है। पहले साल जहां सरकार को औसतन हर महीने 89700 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, वहीं दूसरे साल यह बढ़कर 97100 करोड़ रुपये हो गई है।

पहले भी मिली जीएसटी में राहत

इससे पहले शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक में 33 प्रोडक्ट्स पर जीएसटी की दरें घटा दी गई थीं। 28 फीसदी स्लैब से 6 प्रोडक्ट कम हुए हैं। 28 फीसदी वाले स्लैब में अब 28 प्रोडक्ट बचे हैं।

जीएसटी काउंसिल ने आम आदमी के जरूरतों से जुड़े सामान पर जीएसटी की दर में भारी कटौती करने का फैसला किया। इसके तहत सीमेंट और कुछ ऑटो पार्ट्स को छोड़कर 28% का स्लैब सिर्फ लक्जरी सामानों के लिए होगा और आम जरूरत की वस्तुओं पर 18% या उससे कम जीएसटी ही लगाई जाएगी। इसके तहत टायर, एसी और टीवी पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। इसके अलावा धार्मिक पर्यटन के लिए फ्लाइट पर जीएसटी घटाया गया है और मूवी टिकट भी सस्ता किया गया।

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TAGS: GST, single standard, rate between, 12-18%, Jaitley
OUTLOOK 24 December, 2018
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