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13 February 2018

GST पर बॉम्बे हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- यह टैक्स फ्रेंडली नहीं, जल्द सुधार करे सरकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (GST) को लेकर कठोर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि भले ही केंद्र सरकार ने जीएसटी का काफी प्रचार-प्रसार किया हो, पर यह टैक्स फ्रेंडली नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जस्टिस एस.सी धर्माधिकारी और भाती डांगरे की बेंच ने एक कंपनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

अबीकोर ऐंड बेनजेल टेक्नोवेल्ड नाम की कंपनी की याचिका की सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा, “जीएसटी जैसे कर का बहुत प्रचार-प्रसार किया गया और इसे लोकप्रिय बताया गया। इन आयोजनों का कोई अर्थ नहीं है। संसद का विशेष सत्र बुलाना या मंत्रिमंडल की विशेष बैठकें बुलाने का करदाताओं के लिए कोई मतलब नहीं है, अगर उन्हें वेबसाइट और पोर्टल तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित नहीं होती है। यह प्रणाली टैक्स अनुकूल नहीं है।”

याचिकाकर्ता कंपनी ने दावा किया है कि गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स नेटवर्क पर वह अपनी प्रोफाइल ही ऐक्सेस नहीं कर पाई, जिसके चलते वह ई-वे बिल्स जनरेट नहीं कर पाई और अपना सामान कहीं नहीं भेज सकी। इस पर बेंच ने कहा कि जीएसटी को लेकर इस तरह की शिकायतें याचिकाओं के रूप में कई अदालतों में दायर की गई हैं। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब तलब करते हुए उससे अपना जवाब 16 फरवरी तक दाखिल करने को कहा है।

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अदालत ने भरोसा जताया है कि इस नए कानून को लागू करने वाले कम से कम अब तो जागेंगे और इसे सही तरीके से लागू करेंगे। कोर्ट ने कहा, “देश की छवि, सम्मान और प्रतिष्ठा बचाने के लिए यह करना जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी याचिकाएं कम होंगी और अदालत को इस नए टैक्स कानून को लागू करवाने के लिए नहीं कहा जाएगा।”

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TAGS: GST not tax-friendly, put requisite mechanism in place, Bombay High Court
OUTLOOK 13 February, 2018
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