होटल, रेस्टोरेंट ग्राहकों को सर्विस चार्ज देने के लिए नहीं कर सकते बाध्य; सीसीपीए ने जारी की गाइडलाइन, यहां कर सकते हैं शिकायत
अब से कोई भी रेस्त्रां और होटल अपने उपभोक्ताओं को सेवा देने के बदले सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं। अगर कोई रेस्टोरेंट अपने बिल में सर्विस चार्ज लगाता है तो ग्राहक रेस्त्रां के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत कर सकेता है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने सर्विस चार्ज को लेकर नए नियम जारी किए हैं।
नए नियम के अनुसार सर्विस चार्ज देना या ना देना ग्राहक पर निर्भर करेगा, रेस्टोरेंट इसके लिए किसी भी तरीके से ग्राहकों को बाध्य नहीं कर सकता है। प्राधिकरण ने निर्देश जारी कर कहा है कि इसको खाने के बिल में भी नहीं जोड़ा जा सकेगा। अगर कोई भी होटल इसको खाने के बिल में जोड़ेने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। ग्राहक चाहे तो सेवा शुल्क दे सकते हैं। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर निर्भर करेगा।
उपभोक्ता जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। वे उपभोक्ता आयोग में भी इस बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सीसीपीए ने सर्विस चार्ज को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार दिया है। कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री के अनुसार होटल और रेस्टोरेंट में दिए जाने वाले खाने की कीमत में फूड और सर्विस पहले से ही शामिल होते हैं। ग्राहक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पास भी शिकायत कर सकते हैं। जांच के बाद आपकी शिकायत को सीसीपीए के पास भेजा जा सकता है।
देश के अधिकतर होटल और रेस्त्रां अपने ग्राहकों से सर्विस चार्ज वसूलते हैं। खाने के बिल का 5 फीसदी से 15 फीसदी तक सर्विस चार्ज वसूला जाता है। यह चार्ज 5 फीसदी जीएसटी (होटल के अंदर वाले रेस्त्रां में 18 फीसदी जीएसटी) के अलावा लगता है। अधिकतर रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज वसूले जाने की बात इसकी दर के साथ मेन्यू में या फिर रेस्टोरेंट के मेन गेट पर ही लिख दिया जाता है।
जब भी आप किसी भी प्रोडक्ट को खरीदते हैं या फिर किसी सर्विस को लेते हैं तो उसके लिए आपको कुछ चार्ज देना पड़ता है। इस चार्ज को ही सर्विस चार्ज कहा जाता है। लेकिन सीसीपीए की ओर से इसके खिलाफ सख्त कदम उठाया है।