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11 July 2019

प्रमुख शहरों में मकान हुए महंगे तो अफोर्डेबिलिटी और बिगड़ीः आरबीआइ सर्वे

भारतीय रिजव बैंक के एक सर्वे से पता चला है कि पिछले चार साल में हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी बिगड़ है। इसका आशय है कि लोगों की आमदनी के मुकाबले मकान काफी महंगे हुए हैं। सर्वे के अनुसार मुंबई सबसे कम अफोर्डेबल रह गया।

13 शहरों में किया गया सर्वे

आरबीआइ तिमाही आधार पर रेजीडेंशियल एसेट प्राइस मॉनीटरिंग सर्वे करता है। यह सर्वे जुलाई 2010 में शुरू हुआ था। कुछ बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों द्वारा 13 शहरों में दिए गए आवासीय कर्जों के आधार पर यह सर्वे किया जाता है।

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आय के मुकाबले कीमत का अनुपात बढ़ा

आरबीआइ ने सर्वे जारी करते हुए कहा कि आय के मुकाबले मकानों की कीमत पिछले चार वर्षों में काफी बढ़ी है। मार्च 2015 में यह अनुपात 56.1 पर था जब मार्च 2019 में बढ़कर 61.5 पर पहुंच गया। इस मामले में मुंबई सबसे ज्यादा अफोर्डेबल रहा जबकि भुवनेश्वर सबसे ज्यादा अफोर्डेबल शहर रहा। सर्वे के अनुसार आय के मुकाबले औसत कर्ज से भी इसी बात के संकेत मिलते हैं कि मकान कम अफोर्डेबल रह गए हैं। आय के मुकाबले कर्ज का अनुपात भी मार्च 2015 में तीन पर था जो मार्च 2019 में 3.4 हो गया।

कीमत के मुकाबले ज्यादा कर्ज लेने को मजबूर

सर्वे में कहा गया है कि कीमत और औसत कर्ज का अनुपात भी बढ़ गया है। पहले कीमत के मुकाबले 67.7 फीसदी कर्ज लिया जाता था। जबकि अब यह अनुपात 69.6 फीसदी हो गया है। इससे पता चलता है कि बैंक ज्यादा जोखिम उठाने लगे हैं। इस अनुपात से हाउसिंग लोन में क्रेडिट रिस्क का पता चलता है।

बड़े शहरों में चुकानी पड़ रही है ज्यादा किस्त

सर्वे से एक अन्य तथ्य सामने आया है कि आय के मुकाबले ईएमआइ यानी किस्त का अनुपात पिछले दो साल में स्थिर रहा है। इससे लोगों की आय के मुकाबले कर्ज लेने की पात्रता का अनुमान लगता है। दूसरे शहरों के मुकाबले मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में आय के मुकाबले कर्ज का अनुपात ज्यादा रहा। यह सर्वे मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, पुणे, जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, लखनऊ, भोपाल और भुवनेश्वर में किया गया था।

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TAGS: Housing affordability, RBI survey, housing loan, realty
OUTLOOK 11 July, 2019
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