लोन घोटाले में फंसी ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर ने दिया इस्तीफा
आईसीआईसीआई बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव अधिकारी चंदा कोचर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को उनकी रिटायरमेंट की अर्जी स्वीकार हो गई है। आपको बता दें कि चंदा कोचर जून से अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चल रही थी। चंदा कोचर और उनके परिवार के सदस्य वीडियोकॉन समूह को दिये गये कर्ज में एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने तथा हितों के टकराव के आरोप का सामना कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आईसीआईसीआई बैंक ने संदीप बक्शी को नया एमडी और सीईओ बनाया है। उनको 5 साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है। बैंक के मुताबिक चंदा कोचर के खिलाफ चल रही जांच पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
क्या है मामला? कब क्या हुआ?
-आईसीआईसीआई बैंक ने साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को एसबीआई के नेतृत्व में बनाए गए एक कंसोर्टियम में शामिल होकर 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। इस कंसोर्टियम में 20 बैंक शामिल थे जिन्होंने कुल चालीस हजार करोड़ रुपये का लोन वीडियोकॉन को दिया।
-इसके बाद 22 अक्टूबर 2016 को आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन के निवेशक अरविंद गुप्ता ने एक ब्लॉग पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने 15 मार्च, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली समेत कई अन्य सरकारी विभागों को भेजा गया पत्र शामिल किया था।
कथित तौर पर 15 मार्च, 2016 को लिखे गए इस पत्र में दावा किया गया कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं, ऐसे में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3250 करोड़ रुपये के लोन में हितों का टकराव का मामला हो सकता है।
-31 मार्च को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने एक खबर छापी जिसके मुताबिक वीडियोकॉन कंपनी को मिले लोन के एनपीए होने में चंदा कोचर किस तरह शामिल हैं।
-चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को गलत तरीके से 3,250 करोड़ का कर्ज देने का आरोप लगाया गया। धूत ने बाद में इस रकम का 10 फीसदी हिस्सा उन कंपनियों में लगाया जिन्हें चंदा के पति दीपक कोचर चला रहे थे। बाद में धूत को दिए कर्ज में से 2,810 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई बैंक ने एनपीए) घोषित कर दिए यानी ऐसी रकम जो वसूली नहीं जा सकती।
-इस रिपोर्ट के बाद बैंक ने बयान जारी किया, "बैंक का बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि किसी तरह का क्विड प्रो, नेपोटिज़्म और कॉन्फ्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट का मामला होने का सवाल ही नहीं उठता और बैंक बोर्ड को अपनी प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है।"
-अप्रैल महीने में सीबीआई ने इस केस को अपने हाथ में लिया और दीपक कोचर, वीडियोकॉन ग्रुप समेत कुछ अज्ञात लोगों के बीच हुए लेनदेन की शुरुआती जांच शुरू की। दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ़ जांच पूरी होने तक उनके देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- 30 तारीख को आईसीआईसीआई बैंक ने ऐलान किया कि वह वीडियोकॉन लोन केस में चंदा कोचर की कथित भूमिका की जांच करेगी।
- 18 जून को आईसीआईसीआई बैंक ने एक बयान जारी करके कहा है कि उनकी सीईओ और एमडी चंदा कोचर उनके खिलाफ जारी जांच पूरी होने तक छुट्टी पर जा रही हैं।