Advertisement
07 September 2025

जीएसटी कटौती के बाद कीमतें कम नहीं हुईं, तो उद्योग संगठनों की शिकायतों पर विचार करेंगे: सीबीआईसी

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा है कि 22 सितंबर से घटी हुई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरें लागू होने के बाद वस्तुओं की कीमतों में कमी न होने से संबंधित उद्योग निकायों की शिकायतों पर विचार किया जाएगा।

केंद्र और राज्यों की जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह 375 वस्तुओं पर कर की दरों में कटौती करने और स्लैब की संख्या को वर्तमान के चार से घटाकर केवल दो करने का फैसला किया है। 22 सितंबर से, अधिकांश सामान्य उपयोग की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत जीएसटी और बाकी सभी चीजों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। जीएसटी परिषद ने 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को खत्म करने का सर्वसम्मति से फैसला लिया है। यह एक जुलाई, 2017 को माल और सेवा कर के लागू होने के बाद से आठ साल में किया गया सबसे बड़ा फेरबदल है। इसके अलावा बाजार में प्रतिस्पर्धी ताकतें भी सक्रिय हैं, जिससे खरीदारों के हाथों में कीमतों में कमी आएगी।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि उद्योग इसका लाभ अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगा और अगर हमें कोई शिकायत मिलती है, तो हम इसे उद्योग निकायों के समक्ष उठाएंगे।’’

Advertisement

जीएसटी लागू होने के शुरुआती वर्षों के अनुभव को याद करते हुए अग्रवाल ने कहा कि मुनाफाखोरी के संबंध में शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था तो थी, लेकिन 2017, 2018 और 2019 में जब दरों में बड़ी कटौती की गई, तब प्राधिकरण के पास ज़्यादा आवेदन नहीं किए गए।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘इससे यह आभास होता है कि ज्यादातर लाभ उद्योग द्वारा अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाया गया। इसलिए, इस बार हमें कोई अलग स्थिति की उम्मीद नहीं है।’’

जीएसटी कानून में यह प्रावधान है कि व्यापार और उद्योग को जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना होगा। एक मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण भी स्थापित किया गया है, जहां उपभोक्ता जीएसटी लागू होने के बाद कीमतों में किसी भी तरह की कमी न होने के संबंध में बिल या चालान रसीदों के साथ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

मुनाफाखोरी-रोधी व्यवस्था के तहत, प्राधिकरण के पास केवल 704 मामले दर्ज किए गए हैं, और इनमें से 60 प्रतिशत मामले कार्यान्वयन के पहले 3-4 साल के भीतर ही शुरू किए गए। 704 मामलों में कुल 4,362 करोड़ रुपये की मुनाफाखोरी का आरोप लगाया गया।

जीएसटी प्रणाली के स्थिर होने के साथ, सरकार ने मुनाफाखोरी की शिकायतें प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2025 घोषित कर दी थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: GST cut, consider complaints, Industry organizations, CBIC
OUTLOOK 07 September, 2025
Advertisement