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24 April 2017

ऑस्‍ट्रेलिया को भी मीठा करेंगे अल्फांसो-केसर!

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निर्यात तभी संभव हो सकेगा जब भारतीय आम ऑस्‍ट्रेलिया के जैवसुरक्षा मानकों पर खरे उतरें। ऑस्‍ट्रेलियन मैंगो इंडस्‍ट्री एसोसिएशन के रॉबर्ट ग्रे ने कहा कि भारतीय आमों को ऑस्‍ट्रेलियाई आमों का मौसम निकल जाने के बाद बेचा जाएगा।

ऑस्‍ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन के अनुसार ग्रे ने कहा, वैश्विक व्यापार में हिस्सेदार के तौर पर यदि हम ऑस्‍ट्रेलियाई आमों के निर्यात के लिए विश्व के अन्य देशों में जाना चाहते हैं तो हमारा कदम यह है कि दूसरे देशों से आने वाले फल सुरक्षित हों और किसी भी तरह के कीटनाशक या बीमारी को लेकर यहां ना आ रहे हों, तभी हम दूसरे देशों को हमारे बाजारों में आने की अनुमति दे सकते हैं।

पिछले सालों में मैक्सिको, फिलीपींस और पाकिस्तान ने अपने आम ऑस्‍ट्रेलिया भेजे हैं। ग्रे ने कहा कि भारत ने अमेरिका को भी आमों का निर्यात शुरू किया है लेकिन यह जानना बहुत मुश्किल है कि ऑस्‍ट्रेलिया में यह कितनी मात्रा में आते हैं।

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उन्होंने कहा, भारत एक बहुत बड़ा आम उत्पादक देश है। उनका आम का निर्यात कारोबार हमारी तरह ही है। भारत ऐसे बाजारों को लक्ष्य करेगा जहां वह उच्च मूल्य वाले उत्पादों की छोटी-छोटी मात्रा को बेच सके।

इस रपट में के बी एक्सपोट्र्स के मुख्य कार्यकारी कौशल खाखर के हवाले से कहा गया है कि ऑस्‍ट्रेलिया को सारा निर्यात हवाई मार्ग से किया जाएगा। प्रारंभ में उनकी कंपनी का ध्यान अल्फांसो और केसर की किस्म को निर्यात करने पर होगा।

खाखर ने कहा, अल्फांसो भेजना थोड़ा कठिन है लेकिन यह सही रहता है और भारत की सर्वश्रेष्ठ किस्मों से एक है। वहीं केसर वाणिज्यिक तौर पर सबसे सफल किस्म है क्योंकि इसके दाम अच्छे हैं, स्वाद अच्छा है और इसे भेजना भी आसान है।

भारत में आम का मौसम मार्च से जुलाई के अंत तक होता है। मौजूदा वित्त वर्ष में भारत से आम का निर्यात 50,000 टन के आंकड़े को पार करने का अनुमान है। एजेंसी

  

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TAGS: ऑस्‍ट्रेलिया, आम, अल्फांसो, केसर, Australia, mango, alfanso, kesar, export
OUTLOOK 24 April, 2017
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