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20 October 2016

मंत्री ने माना, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर दिक्कत में

गूगल

उन्होंने कहा, अगर हम वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में विफल रहते हैं, हम अलग-थलग हो जाएंगे। हमें चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है जिसने दुनिया भर में अपना दबदबा बनाया है। हमें इस चुनौती को स्वीकार करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि विनिर्माण प्रदर्शन के बारे में जानकारी देने वाला निक्की मार्किट इंडिया मैनुफैक्चरिंग परचेजिंग इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में 52.1 रहा जो अगस्त में 52.6 था। इससे यह पता चलता है कि क्षेत्र की वृद्धि की गति थोड़ी कम हुई है।

गीते ने कहा, देश के निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के हितों की रक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। हमें प्रतिस्पर्धी कीमतों पर वैश्विक बाजारों में उत्पादों को बेचना है। भारत के इस्पात उद्योग का उदाहरण देते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले 2-3 साल से यह क्षेत्र समस्या का सामना कर रहा है और इस्पात के लिये न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) निर्धारित करना पड़ा क्योंकि चीन से तैयार वस्तुएं उस कीमत पर आने लगी जो भारत में कच्चे माल की लागत है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिये कुछ स्टील उत्पादों पर 752 डालर प्रति टन तक एमआईपी तय किया। अगस्त में 66 इस्पात उत्पादों पर एमआईपी दो महीने के लिये बढ़ाया गया जबकि पहले यह 173 वस्तुओं पर था।

भाषा

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TAGS: India, manufacturing sector, भारत, विनिर्माण क्षेत्र
OUTLOOK 20 October, 2016
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