औद्योगिक उत्पादन में लगातार तीसरे महीने गिरावट, महंगाई तीन साल के उच्च स्तर पर
सरकार के लिए गुरुवार को आर्थिक मोर्चे पर दो बुरी खबरें आईं। एक तो औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर में 3.8 फीसदी गिर गया। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई है। इससे पहले अगस्त में 1.4 फीसदी और सितंबर में 4.3 फीसदी गिरावट दर्ज हुई थी। मैन्युफैक्चरिंग, बिजली और खनन क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण ऐसा हुआ है। अक्टूबर 2018 में आईआईपी में 8.4 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। दूसरी बुरी खबर खुदरा महंगाई की है। नवंबर में यह 5.54 फीसदी पर पहुंच गई, जो तीन साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले जुलाई 2016 में खुदरा महंगाई 6.07 फीसदी पर पहुंची थी।
मैन्युफैक्चरिंग में 2.1 फीसदी, बिजली उत्पादन में 12.2 फीसदी गिरावट
गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 2.1 फीसदी घट गया। अक्टूबर 2018 में इसमें 8.2 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। विकास का प्रमुख पैमाना माने जाने वाले बिजली उत्पादन में भी 12.2 फीसदी गिरावट आई है। एक साल पहले इसमें 10.8 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। इंडस्ट्री की डिमांड नहीं निकलने के कारण खनन की भी मांग कम रही और वहां उत्पादन आठ फीसदी घट गया। अक्टूबर 2018 में खनन उत्पादन 7.3 फीसदी बढ़ा था।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई 10.01 फीसदी बढ़ी
खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने के कारण नवंबर में खुदरा महंगाई दर तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। हाल के महीनों में महंगाई दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अक्टूबर में यह 4.62 फीसदी रही थी। नवंबर 2018 में खुदरा महंगाई दर 2.33 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने खाने-पीने की चीजों की महंगाई 10.01 फीसदी बढ़ गई। अक्टूबर में भी इसमें 7.89 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी, जबकि नवंबर 2018 में इनके दाम 2.61 फीसदी घट गए थे। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई औसतन चार फीसदी रखने का लक्ष्य दिया है। इसमें दो फीसदी घट-बढ़ हो सकती है।