मोदी सरकार ने दी 7 लाख करोड़ के मेगा हाईवे प्लान को मंजूरी, जानिए क्या है तैयारी
केंद्र सरकार ने मंगलवार को 7 लाख करोड़ रुपये के हाईवे प्रोजक्ट को मंजूरी दी है, जिसमें महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजक्ट भी शामिल है। इस खबर की जानकारी एक अधिकारी ने दी। देश के अब तक के इस सबसे बड़े हाईवे प्लान के तहत अगले पांच साल के दौरान लगभग 83 हजार किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
सरकार ने इस प्रोजेक्ट को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही भारतमाला प्रोजेक्ट से बॉर्डर एरिया, इंटरनेशनल पोर्ट और कोस्टल रीजन्स के लिए कनेक्टिविटी में सुधार होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पीटीआइ को बताया कि सरकार जल्द ही प्रथम चरण में 20 हजार किलोमीटर के राजमार्गों का निर्माण करने के लिए भारतमाला परियोजना का शुभारंभ करेगी। मंत्रिमंडल ने अगले पांच सालों में 7 लाख करोड़ से बनने वाले 83,000 किलोमीटर के हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसमें भारतमाला भी शामिल है। राजधानी दिल्ली में आज केंद्रीय कैबिनेट की एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने पहले कहा था कि भारतमला परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही हैं।
क्या है भारतमाला परियोजना
भारतमाला परियोजना केंद्र सरकार का एक मेगा प्लान है, जिसके तहत बेहतर कनेक्टिविटी तैयार करना है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म एटी कर्ने द्वारा प्रपोज्ड भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत स्टडी कराई थी। फर्म ने 44 इकोनॉमिक कॉरिडोर आईडेंटिफाई किया था। इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट का मकसद कार्गो का तेजी से मूवमेंट कराना है।
नेशनल हाईवे डेवेलपमेंट प्रॉजेक्ट के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा हाईवे प्रोजेक्ट है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एनएचडीपी (नेशनल हाईवे डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट) शुरू किया था। इसी के तहत चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज योजना बनाई गई थी। इसमें श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाला नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर और पोरबंदर से सिल्चर को जोड़ने वाला ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर शामिल है।