सरकार का इकोनॉमी पैकेज पार्ट-3, हाउसिंग को 10 हजार तो एक्सपोर्ट को 50 हजार करोड़ का सपोर्ट
हाउसिंग सेक्टर और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कुछ उपायों की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि हाउसिंग सेक्टर के लिए 10,000 करोड़ और निर्यात के लिए 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज तैयार किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई दर काबू में है और औद्योगिक उत्पादन सुधरने के साफ संकेत मिल रहे हैं। बैंकों का कर्ज उठाव बढ़ा है। वह 19 सितंबर को सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से हैंडीक्राफ्ट, योग, पर्यटन और टेक्सटाइव व लेदर पर मेगा शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे।
अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर के लिए 10 हजार करोड़
हाउसिंग सेक्टर, खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए वित्त मंत्री ने 10,000 करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाने की घोषणा की। फंड में इतनी ही रकम एलआईसी और दूसरे संस्थानों से आने की उम्मीद है। इससे रुके हुए प्रोजेक्ट को जल्दी पूरा करने में मदद मिलेगी। हालांकि जो प्रोजेक्ट एनपीए बन चुके हैं या जिनके मामले एनसीएलटी में चल रहे हैं, उन्हें इस कोष से फंडिंग नहीं मिलेगी। इस फंड को हाउसिंग और बैंकिंग सेक्टर के विशेषज्ञ चलाएंगे। सरकारी कर्मचारियों को नया घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर घटाई जाएगी, और इसे 10 साल वाले सरकारी बांड पर ब्याज से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा डेवलपर्स के लिए विदेशी कर्ज को आसान बनाने के लिए ईसीबी के दिशानिर्देश आसान किए जाएंगे।
निर्यात बढ़ाने के लिए नई स्कीम
निर्यात बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने नई स्कीम की घोषणा की। इसका नाम “रेमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट” रखा गया है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को करीब 50,000 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होगा। यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब अगस्त में निर्यात 6.05% गिरकर 26.13 अरब डॉलर रह गया। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) रिफंड देने के लिए पूरी तरह ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह इस महीने के अंत तक लागू हो जाएगा।
प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग के नियमों में संशोधन
सरकार निर्यातकों के लिए प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग के नियमों में भी संशोधन कर रही है। इससे उन्हें 36,000 करोड़ रुपये से 68,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग मिल सकेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक इसके दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के तहत गठित वर्किंग ग्रुप एक्सपोर्ट फाइनेंस पर नजर रखेगा।
एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा
एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी) एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ाएगा। इससे खासकर एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात कर्ज सस्ता होगा। सरकार को इससे 1,700 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अंदेशा है। वित्त मंत्री ने बताया कि निर्यातकों की मदद के लिए एफटीए यूटिलाइजेशन मिशन का गठन किया जाएगा।